नई दिल्ली: Women's Day 2023: फिल्में समाज का आईना होती है. कई फिल्में हमें वह सब दिखाने की कोशिश करती है जो चीजें हमारे समाज में चल रही होती है. हिंदी सिनेमा में कई डायरेक्टर और प्रोड्यूसर हैं जिन्होंने महिलाओं से संबंधी मुद्दों को समाज के सामने लाने की है.आज के मॉर्डन समय में भी यौन इच्छा केवल पुरुष के इर्द-गिर्द ही है. महिलाएं केवल एकतरफा की भागीदार हैं. फीमेल सेक्सुअल डिजायर और महिलाओं के ऑर्गेज्म पर बात करना आज भी बड़ा टैबू है.


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समाज में शादी के बाद किसी महिला का प्रेग्नेंट होना उसके अच्छे सेक्स लाइफ और अच्छे ऑर्गेज्म का सकेंत होता है. जबकि बच्चे को जन्म देने के बाद भी कई महिलाएं ऑर्गेज्म या क्लाइमेक्स तक नहीं पहुंच पाती हैं. लेकिन यह कोई बड़ी बात नहीं है. अगर कोई महिला सेक्सुअल डियाजर पर बात करती हैं तो समाज उनके कैरेक्टर पर उंगली उठाने में जरा भी देर नहीं करता है. 


हिंदी सिनेमा ने पिछले काफी समय से फीमेल सेक्सुअल डिजायर पर उम्दा फिल्में बनाई है, जो कि इस टॉपिक पर खुलकर बात करती है. इन फिल्मों ने बताने की कोशिश की है कि सेक्स केवल मर्दों की जरुरत नहीं है. इसमें महिलाएं भी बराबर की भागीदार हैं. विमेंस डे के मौके पर हम आपको उन फिल्मों के बारे में बताएंगे जिसमें महिलाओं के सेक्सुअल डिजायर पर खुलकर बात की गई है. 


पार्च्ड
पार्च्ड साल 2015 में रिलीज स्ट्रॉन्ग स्टोरी लाइन फिल्म है.  इस फिल्म में महिलाओं के दर्द और सेक्सुअल डिजायर को मजबूती के साथ पर्दे पर दिखाया गया है. पार्च्ड फिल्म में महिलाओं से संबंधी समाज की रूढ़िवादी सोच, यौन इच्छा, मैरिटल रेप, बाल विवाह और घरेलू हिंसा जैसे विषय को शानदार अंदाज में दिखाया है. फिल्म गुजरात के गांव की चार महिलाओं की कहानी के इर्द-गिर्द है. चार महिला में एक महिला लाजो (राधिका आप्टे) है. शादी के कई साल बाद भी लाजो का बच्चा नहीं हो पा रहा था. समाज और पति उसे बांझ बोलते थे. बच्चे की चाहत में लाजो किसी अन्य पुरुष के साथ यौन संबंध बनाती है. पहली बार लाजो को ऑर्गेज्म मिलता है. फिल्म का यही सीन महिलाओं के सेक्सुअल डिजायर को दिखाता है.  


लिपस्टिक अंडर माय बुरखा 
साल 2017 में रिलीज लिपस्टिक अंडर माय बुरखा  फिल्म भी महिलाओं के सेक्सुअल डिजायर पर खुलकर बात करती है. फिल्म में चार महिलाओं की कहानी को दिखाया गया है. इस फिल्म में दिखाया है कि महिलाओं की सेक्सुअल डिजायर की कोई उम्र फिक्स नहीं है. फिल्म में 55 साल की महिला (बुआ जी) एक जवान लड़के को पसंद करने लग जाती है.


 वीरे दी वेडिंग
साल 2018 में आई फिल्म वीरे दी वेडिंग में महिलाओं के आजाद ख्याल को पर्दे पर दिखाया गया है. फिल्म में महिलाओं के सेक्सुअल डिजायर व्यंग और कॉमेडी अंदाज में दिखाया गया है. फिल्म में शादी के बाद एक महिला साक्षी(स्वरा भास्कर) को पति के साथ सेक्स के दौरान ऑर्गेज्म नहीं मिल पाता है. ऐसे में महिला मास्टरबेट करती है. साक्षी का पति यह सब देख तलाक देने का फैसला करता है. साक्षी परेशान होती है कि समाज में उसके मास्टरबेट की बात सामने आएगी तो समाज क्या सोचेगा. इस किरदार के जरिए शादी के बाद महिलाओं की सेक्सुअल मांग को दिखाया गया है. 


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