नई दिल्ली.  सुशांत हत्या मामले में सीबीआई की जांच की सुई रिया से भी पहले संदीप सिंह पर जा अटकी है. मुंबई में मामले की पड़ताल कर रही देश की इस सर्वोच्च जांच एजेंसी के अधिकारीगण संदीप सिंह को तलब करने जा रहे हैं और अब वक्त आ गया है कि संदीप सिंह को सच का सामना करना ही होगा और अब ये खबर कभी भी सामने आ सकती कि संदीप सिंह का पता नहीं चल पा रहा है.


'तीन दिन' और 'चार फोन कॉल्स' से फंसे


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हाल ही में मीडिया में सार्वजनिक हुए संदीप सिंह के कॉल डिटेल्स से पता चला है कि संदीप सिंह बहत्तर घंटे तक उस एम्बुलेंस ड्राइवर के सम्पर्क में थे जिससे सुशांत के शव को कूपर अस्पताल ले जाया गया था. बहत्तर घंटों में अर्थात तीन दिन में उन्होंने चार बार इस ड्राइवर के साथ फ़ोन पर बात की. और अब उनकी यही गलती उनके खिलाफ जा रही है. यह स्थिति संदेहास्पद दिखाई देती है और प्रश्न करती है कि एम्बुलेंस के ड्राइवर के साथ चार बार फ़ोन पर बात करने की संदीप को ऐसी क्या जरूरत आ पड़ी थी? ये कॉल डिटेल्स बताते हैं कि संदीप ने 14, 15 और 16 जून को एंबुलेन्स ड्राइवर के साथ चार बार 51, 104. 24, 48 सेकंड्स तक बातचीत की.


फोन स्विच ऑफ हो गया है


आज पच्चीस अगस्त की शाम को छह बजे जब मीडिया के लोगों न संदीप सिंह से बात करनी चाही तो पता चला कि संदीप सिंह ने अपना फोन स्विच ऑफ कर लिया है. फोन ऑफ कर लेना जहां संदेह को बढ़ाता है वहीं यह भी जाहिर करती है कि अब किसी भी समय संदीप सिंह अपने फ़ोन की तरह ही खुद भी संपर्क से बाहर अर्थात लापता हो सकता है.


एक साल से बात नहीं की थी


कॉल डिटेल्स से पता चला कि संदीप सिंह ने एक साल में सुशांत सिंह राजपूत से एक बार भी बात नहीं की किन्तु वह रिया के सम्पर्क में लगातार था. ऐसा व्यक्ति जिसे सुशांत के परिवार के लोग भी नहीं जानते थे और जो सुशांत के सम्पर्क में नहीं था, वही व्यक्ति सुशांत की मौत के दिन सुशांत के घर पहुंच कर अचानक इस तरह सक्रिय हो गया जैसे कि न केवल सुशांत के परिवार  का सदस्य हो बल्कि उनके परिवार का बहुत ख़ास सदस्य भी वह अपने को दिखा रहा था. भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने भी संदीप सिंह की भूमिका पर सवाल खड़े किये हैं.


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