मुंबई: सुशांत सिंह राजपूत की रहस्यमयी मौत का सच सामने लाने के लिए आज दोपहर 2 बजकर 29 मिनट पर CBI की टीम बांद्रा स्तिथ सुशांत के फ्लैट पर पहुंची थी. यहां सुशांत का दोस्त और फ्लैटमेट सिद्धार्थ पिठानी और कुक नीरज भी CBI के साथ मौजूद था.


CBI ने सुशांत के फ्लैट पर किया री-क्रिएट


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पूरे क्राइम सीन को री-क्रिएट करना CBI का मकसद था. CBIकी टीम बाकायदा इसके लिए सुशांत के वेट के बराबर की डमी साथ ले गई थी. SIT के साथ फॉरेंसिक डिपार्टमेंट के 6 लोग, जो कि फिजिक्स और केमेस्ट्री डिवीज़न थे, वो भी सुशांत के फ्लैट पर पहुंचे थी.


इस दौरान सुशांत सिंह राजपूत के कमरे के साथ-साथ पूरे घर की फॉरेंसिक टीम ने फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की.


इन सबमें सबसे खास बात रही कि सुशांत के परिवार के हत्या के आरोपों के आधार पर CBI ने फ्लैट से सुराग तलाशने के सिर्फ डमी टेस्ट ही नहीं किया, बल्कि सिद्धार्थ पिठानी, नीरज और अन्य की मौजूदगी में सुशांत की डेड बॉडी बरामद होने से पहले क्या-क्या हुआ, कौन-कौन कहां पर मौजूद था, इन सभी बातों को भी री-क्रिएशन में शामिल किया.


"क्राइम सीन" पर आज CBI ने क्या-क्या किया?


1- सुशांत सिंह राजपूत के बांद्रा फ्लैट की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी की गई.


2- कुक नीरज और फ्लैटमेट सिद्धार्थ पिठानी की मौजूदगी में ही CBI ने डमी को पंखे से लटकाया. नीरज और सिद्धार्थ के बयानों को वेरीफाई करने के लिए कैसे उस दिन बॉडी नीचे उतारी गई, किसने और कैसे कुर्ते को काटा. इस सभी काम में कितना समय लगा ये सभी नोट हुआ. फोन कॉल के बाद और पुलिस के आने तक कौन-कौन कहां था और किस-किस ने क्या किया ये भी री-क्रिएशन का हिस्सा था.


3- डमी बॉडी को पंखे से लटकाया गया, सिद्धार्थ पिठानी और नीरज की मदद से समझा गया कि उन्होंने बॉडी को कैसे और किन हालात में लटके हुए देखा था. फिर उन्होंने तुरंत क्या किया.


4- जैसा उन्होंने अपने बयानों में लिखवाया था  कि उस दिन इन्होंने डेड बॉडी को किस तरह नीचे उतारा था. डमी को पंखे से नीरज और सिद्धार्थ की मदद से उतार गया.


5- सुशांत सिंह राजपूत के घर और कमरे के कोने-कोने, खासकर खिड़कियों, गेट और कमरे में रखे सामानों पर से एक बार फिर फॉरेंसिक टीम ने फिंगर प्रिंट्स जुटाए.


6- मुंबई पुलिस के आने पर सुशांत की लाश कहां पर रखी थी, कैसे बॉडी को बैग में रखकर नीचे लाया गया, डेड बॉडी किन हालात में थी, ये भी री-कंस्ट्रक्शन में शामिल किया गया था.


7- सुशांत के फ्लैट की छत पर भी SIT ने फोटोग्राफी की, फ्लैट की सभी एंट्री और एग्जिट पॉइंट की संभावनाओं को समझने की कोशिश की. यानी किसी बाहरी शख्स के घर में चोरी-छिपे आने की संभावनाओं को समझने की कोशिश हुई.


8- सुशांत के पड़ोसियों के बयान दर्ज किए गए. इसमें एक महिला ने बड़ी जानकारी देते हुए ये बताया कि 13 जून को सुशांत सिंह राजपूत के फ्लैट पर किसी तरह की कोई पार्टी नहीं हुई थी, देर शाम ही सारी लाइट्स बंद हो चुकी थीं.


9- बिल्डिंग के गेट के गेस्ट रजिस्टर को भी खंगाला गया, इसकी जानकारी ली गई कि घटना वाले दिन से पिछले 24 घंटे में कौन-कौन बिल्डिंग में आया और गया था, रजिस्टर की कॉपी भी ली गई.


10- री-क्रिएशन के वक्त मौके पर बांद्रा के उन जांच अधिकारी और पुलिस टीम को भी CBI ने बुलाया था, जो 14 जून को फोन आने के बाद मौके पर पहुंचे थे. उनसे ये सवाल किया गया कि मौके पर पहुंचने के बाद फ्लैट के अंदर और सुशांत के कमरे में कैसा माहौल था, कहां पर कौन-कौन मौजूद था, सुशांत की लाश किन हालात और कहां पर थी? पुलिस ने आखिर क्यों पहली नजर में ही इसे खुदकुशी मान लिया? इन सभी सवालों के जवाब री-क्रिएशन के दौरान दर्ज किए गए.


11- इस दौरान CBI की टीम ने सोसाइटी के सिक्योरिटी गार्ड के बयान भी दर्ज किए.


सुशांत के फ्लैट पर सीबीआई की करीब साढ़े 5 घंटे की तफ्तीश के बाद शाम पौने 8 बजे फॉरेंसिक टीम और SIT मौके से निकल गई. निश्चित तौर पर सुशांत को इंसाफ दिलाने के लिए ही सीबीआई को जांच का जिम्मा सौंपा गया है. यही वजह है कि सीबीआई की टीम एक-एक पहलुओं पर गहराई से तफ्तीश कर रही है.


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