JITIYA VRAT 2023 : जितिया व्रत कब है, जानें पूजा का शुभ मुहुर्त और उसके महत्व
सनातन धर्म के ज्योतिष शास्त्र के अनुसार प्रत्येक साल के अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जीवित्पुत्रिका व्रत पड़ता है. इस व्रत को ज्यादातर हिंदी राज्य के पट्टी मे किया जाता है. इसमें यूपी, बिहार और पश्चिम बंगाल के कुछ क्षेत्र शामिल है. महिलाएं यह व्रत बहुत विधि विधान से करती है, यह व्रत माताएं अपने पुत्र के लंबी आयु , समृद्धि एवं उन्नति के लिए रखती है.
नई दिल्ली: हिंदी धर्म के अनुसार जितिया या जीवित्पुत्रिका व्रत अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी से नवमी तिथि तक रखा जाता है.
व्रत में महिलाएं 1 दिन पहले से तामसिक भोजन जैसे प्याज, लहसुन, मांसाहार का सेवन नहीं करती है. इसके अलावा ब्रह्मचर्य का पालन करना बेहद जरूरी माना जाता है.
जितिया व्रत का महत्व (Jivitputrika Shubh Muhurat)
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जितिया व्रत सुहागन महिलाएं संतान प्राप्ति की कामना करते हुए 24 घंटे निर्जला उपवास रखती हैं. जिन महिलाओं के बच्चे होते हैं, वे इस व्रत को बच्चों की लंबी उम्र और रक्षा के लिए करती हैं. कहते हैं जो महिलाएं इस व्रत को करती हैं, उनके बच्चे चारों दिशाओं में प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं.
2023 मे कब है जितिया व्रत (Vrat Jitiya)
5 अक्टूबर को जितिया का नहाय- खाय व्रत होगा जबकि 6 अक्टूबर को माताएं पूरे दिन निर्जला व्रत रहेंगी , जितिया व्रत तीन दिनों तक चलता है. ऐसे मे यह 5 अक्टूबर से शुरु होकर 7 अक्टूबर तक चलेगा. अष्टमी तिथि 6 को सुबह 6 बजकर 34 मीनट पर शुरू होगा और 7 अक्टूबर को सुबह 8 बजकर 8 मिनट पर समाप्त हो जाएगा.
जितिया व्रत पूजा- विधि (Jitiya Vrat Vidhi)
-सुबह जल्दी उठकर स्नान करें
- स्नान करने के बाद सूर्य नारायण की प्रतिमा को स्नान कराएं
- धूप ,दीप आदि से आरती करें.
कुशा से बनी जीमूतवाहन की प्रतिमा को धूप -दीप ,चावल फुल आदि चढाएं.
-पूरे विधि - विधान से पूजा करें और कथा जरूर सुने.
- व्रत पारण के बाद दान जरूर करें.
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