नई दिल्ली: सीजेआई यूयू ललित देश के अगले मुख्य न्यायाधीश के नाम के लिए सीनियर मोस्ट जज जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ के नाम की सिफारिश अगले 1-2 दो दिन में केन्द्र को भेज सकते हैं. सूत्रों के अनुसार सोमवार सुबह न्यायालय समय से सीजेआई ललित की अध्यक्षता में हुई बैठक के दौरान नए सीजेआई के लिए सभी सहमति के बाद केंद्र सरकार को पत्र भेजने पर चर्चा हुई. मुख्य न्यायाधीश कार्यालय द्वारा इस चिट्टी को तैयार करने के बाद सीजेआई के हस्ताक्षर के पश्चात केन्द्र को रवाना किया जा सकता है.


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50 वें मुख्य न्यायाधीश होंगे जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड 
गौरतलब है कि जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड देश की सर्वोच्च अदालत में सीनियर मोस्ट जज हैं. जस्टिस चन्द्रचूड़ वर्तमान सीजेआई जस्टिस यूयू ललित की 8 नवंबर को सेवानिवृति के बाद देश के अगले मुख्य न्यायाधीश बनेंगे. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 9 नवंबर 2022 से 10 नवंबर 2024 तक पूरे दो साल देश के मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहेंगे. मुख्य न्यायाधीश के रूप में जस्टिस चन्द्रचूड़ देश के 50 वें मुख्य न्यायाधीश होंगे.


कई नवाचार किए हैं जस्टिस चन्द्रचूड ने
जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ सुप्रीम कोर्ट ई कमेटी के चैयरमेन रहते हुए कोविड के दौरान उन्होंने देश की सर्वोच्च अदालत के साथ साथ देशभर की अदालतों में तकनीक के बेहतर प्रयोग के कई नवाचार किए हैं. इनके कार्यकाल में ही देश में सर्वाधिक वर्चुअल कोर्ट और वर्चुअल तरीकों से पेशी सहित अदालतों को प्रोत्साहन मिला हैं. सर्वाधिक बजट भी इस दौरान ही प्रस्तावित किया गया. ई कमेटी चेयरमैन के साथ साथ वे शुरू से ही विधिक सेवा को भी प्रोत्साहित करते रहे हैं. यही कारण है कि 2 माह 8 दिन दिन का कार्यकाल होने के बावजूद जस्टिस चन्द्रचूड़ ने इस पद के लिए अपनी सहमति दी.


जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को वर्तमान सुप्रीम कोर्ट में सबसे ज्यादा हाईटेक जज के रूप में भी जाना जाता है. जस्टिस चन्द्रचूड़ की स्कूली शिक्षा सेंट कोलंबा दिल्ली से हुई. उन्होंने सेंट स्टीफन कॉलेज दिल्ली से गणित और अर्थशास्त्र में हॉनर्स के साथ स्नातक किया.


हावर्ड से की है एलएलएम और डाक्टरेट
दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री एलएलबी करने के बाद एलएलएम के लिए हावर्ड चले गए. हावर्ड से ही उन्होंने एलएलएम करने के बाद ज्यूरिडिकल साइंस में डॉक्टरेट की. जस्टिस चन्द्रचूड़ ने सुप्रीम कोर्ट और बॉम्बे हाईकोर्ट में प्रेक्टिस शुरू की.


जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ को बॉम्बे हाईकोर्ट से अपनी प्रेक्टिस के दौरान ही मार्च 1998 में केन्द्र सरकार के लिए एडिशनल सॉलिस्टर जनरल नियुक्त किया गया. जून 1998 में उन्हे बॉम्बे हाईकोर्ट के लिए सीनियर एडवोकेट भी नामित कर दिया गया.


बॉम्बे हाईकोर्ट में बने थे स्थायी जज
सीनियर एडवोकेट रहते हुए 29 मार्च 2000 को उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट का स्थायी जज नियुक्त किया गया. 13 साल तक बॉम्बे हाईकोर्ट के जज रहने के बाद उन्हे 31 अक्टूबर 2013 को इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर जिम्मेदारी दी गयी.


इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के पद पर करीब ढाई साल के बाद उन्हें सीधे सुप्रीम कोर्ट में जज नियुक्त किया गया. 12 मई 2016 को उन्होंने सुप्रीम कोर्ट जज के रूप में शपथ ली. सुप्रीम कोर्ट में उन्हें एक सख्त जज के रूप में जाना जाता हैं जो कानून की सीमाओं में रहने के लिए बाध्य करते हैं.


पिता रहे हैं सबसे ज्यादा समय तक सीजेआई
जस्टिस चंद्रचूड़ देश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस वाई वी चंद्रचूड़ के बेटे हैं. जस्टिस यशवंत विष्णु चंद्रचूड़ के नाम सबसे लंबे समय तक देश का मुख्य न्यायाधीश रहने का रिकॉर्ड दर्ज है.  वह 7 साल 4 महीने तक देश के मुख्य न्यायाधीश रहे थे. उनके फैसलों के चलते उन्हें आयरन हैंड्स के नाम से भी जाना जाता है. अपने कार्यकाल में उन्होंने कई ऐतिहासिक फैसले दिए हैं. पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी को जेल भेजने और  मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड को नजरअंदाज करते हुए मुस्लिम महिलाओं को पति से गुजारा भत्ता लेने का हक देने सहित कई महत्वपूर्ण मामलों के लिए उन्हे याद किया जाता है.


18 जजों की नियुक्ति की जिम्मेदारी
जस्टिस डी वाई चन्द्रचूड़ अपने सीजेआई के कार्यकाल में सुप्रीम कोर्ट में 18 जजों की नियुक्ति कर पायेंगे.सुप्रीम कोर्ट में वर्तमान में स्वीकृत 34 जजों के पदों पर 29 जज कार्य कर रहे हैं. सीजेआई ललित की सेवानिवृति से पूर्व केन्द्र द्वारा जस्टिस दीपांकर दत्ता की नियुक्ति को मंजूरी मिलने पर ये संख्या 30 हो जाएगी. लेकिन सीजेआई ललित के 8 नवंबर को सेवानिवृति के साथ ये फिर 29 ही रह जाएगी. इस तरह अगले 1-2 माह में ही जस्टिस चन्द्रचूड़ को सुप्रीम कोर्ट में 5 जजों की नियुक्ति के सभी साथी जजों की सहमति बनानी होगी.

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