नई दिल्ली: भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) के रूप में शपथ ग्रहण करने वाले न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित (Justice UU Lalit) भारतीय न्यायपालिका के छठे ऐसे प्रमुख होंगे, जिनका कार्यकाल 100 दिन से कम होगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

क्या होती है रिटायर्टमेंट की उम्र
न्यायमूर्ति ललित का कार्यकाल 74 दिन का होगा और वह आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे. उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश 65 वर्ष और उच्च न्यायालय के न्यायाधीश 62 वर्ष की आयु होने पर सेवानिवृत्त होते हैं. 


कम कार्यकाल वाले सीजेआई की सूची
-25 नवंबर 1991 से 12 दिसंबर 1991 तक प्रधान न्यायाधीश रहे न्यायमूर्ति कमल नारायण सिंह का कार्यकाल 18 दिन था. 
-दो मई 2004 से 31 मई 2004 तक सीजेआई के रूप में सेवाएं देने वाले न्यायमूर्ति एस राजेंद्र बाबू का कार्यकाल 30 दिन का था.
-न्यायमूर्ति जे सी शाह 36 दिन तक प्रधान न्यायाधीश रहे. उनका कार्यकाल 17 दिसंबर 1970 से 21 जनवरी 1971 तक था. 
-न्यायमूर्ति जी बी पटनायक आठ नंवबर 2002 से 18 दिसंबर 2002 तक सीजेआई रहे. प्रधान न्यायाधीश के रूप में उनका कार्यकाल 41 दिन का था. 
-न्यायमूर्ति एल एम शर्मा का कार्यकाल 86 दिन रहा. वह 18 नवंबर 1992 से 11 फरवरी 1993 तक प्रधान न्यायाधीश के पद पर थे. 

इसे भी पढ़ें- ' जस्टिस यू यू ललित: जिनके पिता को इंदिरा गांधी ने नहीं बनने दिया था स्थायी जज

Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.