नई दिल्ली: नेशनल कंपनीज लॉ एपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) ने मैक स्टार मार्केटिंग के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने के NCLT के आदेश को निरस्त कर दिया है. एपीलेट ट्रिब्यूनल की दो सदस्यीय पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि यस बैंक (Yes Bank) की तरफ से दिया गया टर्म लोन 'आंखों में धूल झोंकने वाला' है. इस तरह का लेनदेन फाइनेंशियल लोन की परिभाषा के दायरे में नहीं आता है. ऐसी स्थिति में सुरक्षा एसेट रिकंस्ट्रक्शन (Suraksha Asset Reconstruction) को फाइनेंशियल क्रेडिटर नहीं माना जा सकता.


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लेनदेन के पीछे Yes Bank का कोई छिपा हुआ मकसद


NCLAT ने कहा है कि मैक स्टार के नाम पर यस बैंक की तरफ से स्वीकृत 147.6 करोड़ रुपए के कर्ज में से 99 फीसदी से ज्यादा राशि या तो बैंक को उसी दिन या फिर बहुत कम समय में वापस आ गई. उसने इस लेनदेन के पीछे बैंक का कोई छिपा हुआ मकसद होने की आशंका भी जताई. सांठगांठ वाला ट्रांजेक्शन होने की वजह से इसे इन्सॉल्वेंसी कानून की धारा 5(8) के तहत ये वित्तीय कर्ज की परिभाषा में नहीं आता. यस बैंक ने 147.6 करोड़ रुपए का लोन दिया था और बाद में इस लोन को सुरक्षा एसेट रिकंस्ट्रक्शन कंपनी को बेच दिया था.


जनिए क्या है पूरा मामला?


NCLAT ने 27 अक्टूबर, 2021 को NCLT की तरफ से जारी आदेश को निरस्त कर दिया. NCLT की मुंबई पीठ ने सुरक्षा एसेट रिकंस्ट्रक्शन (Suraksha Asset Reconstruction) की तरफ से दायर याचिका के आधार पर मैक स्टार मार्केटिंग (Mack Start Marketing) के खिलाफ दिवाला प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया था. यस बैंक की तरफ से सुरक्षा एसेट रिकंस्ट्रक्शन को कर्ज देने के लिए अधिकृत किया गया था.


NCLAT ने क्यों की तीखी टिप्पणी


यस बैंक ने मैक स्टार मार्केटिंग को 147.6 करोड़ रुपए का लोन दिया था. लोन 100 करोड़ रुपए की लागत से 2 साल पहले बनी बिल्डिंग kaledonia के रेनोवेशन के लिया दिया गया था. लेकिन, 99% रकम एक दिन या बहुत ही कम समय में घूम कर फिर यस बैंक में वापस आ गई. इसीलिए NCLAT ने इसे सांठगांठ वाला ट्रांजेक्शन माना. बीते साल सितंबर में मैक स्टार के खिलाफ NCLT ने इन्सॉल्वेंसी की अर्जी मंजूर की थी. अब कंपनी का मैनेजमेंट फिर से पहले की तरह बहाल हो सकेगा.


मैक स्टार मामले में ही हुई थी राणा कपूर की गिरफ्तारी


बता दें, कुछ वक्त पहले प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मैक स्टार ग्रुप मामले में यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर को गिरफ्तार किया था. HDIL की Mack Star Group में एक हिस्सेदारी थी और उसने Mack Star में अन्य हितधारक की जानकारी के बिना Yes Bank से लोन लिया था. मैक स्टार समूह ने अपने एक नए प्रोजेक्ट के रेनोवेशन के नाम पर लोन लिया था. लोन देने का तरीका संदिग्ध था, क्योंकि यह प्रोजेक्ट की मरम्मत और रेनोवेशन के उद्देश्य के लिए उधार लिया गया था.


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