नई दिल्ली: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के नेतृत्व में नई दिल्ली का विज्ञान भवन 30 और 31 जुलाई को ज्यूडिशरी का संगम स्थल बनने जा रहा है. जयपुर में राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों की 18वीं आल इंडिया मीट के बाद अब देश के सभी जिलों के ​जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की आल इंडिया मीट नई दिल्ली में आयोजित होगी. इस मीट में देश के सभी जिलों के प्राधिकरण के अध्यक्ष, सचिव और जिला जज शामिल होंगे.


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वर्तमान में हमारे देश में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में कुल 742 जिले हैं. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के अनुसार फिलहाल देश में कुल 676 जिला विधिक सेवा प्राधिकरण कार्यरत हैं. देश के न्यायिक इतिहास में ये पहला अवसर होगा जब इतनी बड़ी संख्या में जिला एवं सत्र न्यायाधीश और अपर सेशन जज एक साथ किसी कार्यक्रम का हिस्सा होंगे.


1000 से अधिक जज करेंगे शिरकत
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से 30-31 जुलाई को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों की आल इंडिया मीट का आयोजन होगा. इस मीट में देश के सभी 676 जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों के अध्यक्ष और सचिव शिरकत करेंगे.


जिले के ​प्रिंसिपल जज के तौर पर कार्यरत जिला एवं सत्र न्यायाधीश ही जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष होते हैं, वहीं सचिव के पद पर अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश यानी एडीजे स्तर के न्यायिक अधिकारी कार्यरत होते हैं. ऐसे में देशभर से जिला प्राधिकरण के अध्यक्ष के रूप में 676 जिला एवं सत्र न्यायाधीश और 676 ही एडीजे इस मीट में शिरकत करेंगे.


विजन 2047 के एक्शन प्लान पर होगी चर्चा
जिला विधिक सेवा प्राधिकरणों की इस आल इंडिया मीट में नालसा के विजन 2047 पर चर्चा होगी. गौरतलब है कि हाल ही में जयपुर में आयोजित हुई 18वीं ऑल इंडिया लीगल सर्विस अथॉरिटी मीट में आजादी के 100 वे वर्ष के लिए विधिक सेवा का विजन पेश किया था.


नालसा के कार्यकारी अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित ने विजन पेश करते हुए साल 2047 के लक्ष्यों को सबके सामने रखा था. आगामी 25 सालों में इन लक्ष्यों को पूरी तरह से हासिल कैसे किया जा सके, इसके लिए इस मीट में एक्शन प्लान पर चर्चा होगी.


कार्यकाल पूर्ण होने से पूर्व महत्वपूर्ण है ये मीट
नालसा के एग्जीक्यूटिव चेयरमैन जस्टिस यू यू ललित आगामी 27 अगस्त को देश के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हो सकते हैं. मुख्य न्यायाधीश नियुक्त होने पर उनका नालसा कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर कार्यकाल पूर्ण हो जायेगा. ऐसे में नालसा के विजन 2047  को मजबूत आधार देने के लिए इस मीट का महत्व बढ़ जाता है. जस्टिस ललित इस मीट में भविष्य में विधिक सेवाओं के विस्तार के लिए एक नई राह दिखा सकते हैं.


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