शादी का झूठा वादा कर शादीशुदा महिला की सहमति से बनाया गया शारीरिक संबंध दुष्कर्म नहीं: हाईकोर्ट
आरोपी और पीड़ित, दोनों भारतीय, पहली बार ऑस्ट्रेलिया में फेसबुक के जरिए मिले थे. दो मौकों पर उन्होंने सहमति से यौन संबंध बनाए. हालांकि, शादी नहीं हो पाई. अदालत ने कहा, `यह एक ऐसा मामला है जहां पीड़िता, जो एक शादीशुदा महिला है, ने स्वेच्छा से अपने प्रेमी के साथ शारीरिक बनाए.
कोच्चि: केरल हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है कि शादी का झूठा वादा कर विवाहित महिला के साथ उसकी सहमति से यौन संबंध रेप की श्रेणी में नहीं आएगा. कोर्ट ने हाल ही में एक मामले में यह फैसला सुनाया. कोर्ट अभियुक्त द्वारा उसके खिलाफ लंबित सभी आपराधिक कार्यवाही को रद्द करने के लिए दायर याचिका पर विचार कर रही थी.
क्या है पूरा मामला
रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी और पीड़ित, दोनों भारतीय, पहली बार ऑस्ट्रेलिया में फेसबुक के जरिए मिले थे. इसके बाद में उनका रिश्ता गहराया और उन्होंने शादी करने का फैसला किया. इस बीच दो मौकों पर उन्होंने सहमति से यौन संबंध बनाए. हालांकि, शादी नहीं हो पाई. इस पूरे घटनाक्रम के दौरान विवाहित महिला अपने पति से अलग थी और तलाक की कार्यवाही चल रही थी.
अदालत ने क्या कहा
न्यायाधीश कौसर एडप्पागथ ने अपने पिछले फैसले को दोहराया कि आरोपी की ओर से एक विवाहित महिला से कथित रूप से किया गया वादा कि वह उससे शादी करेगा, एक ऐसा वादा है जो कानून के तहत लागू करने योग्य नहीं है और इसलिए इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 लागू नहीं होगी. इस तरह का एक अप्रवर्तनीय और अवैध वादा आईपीसी की धारा 376 के तहत अभियोजन का आधार नहीं हो सकता.
अदालत ने कहा, "यह एक ऐसा मामला है जहां पीड़िता, जो एक शादीशुदा महिला है, ने स्वेच्छा से अपने प्रेमी के साथ शारीरिक बनाए. वह अच्छी तरह से जानती थी कि वह याचिकाकर्ता के साथ एक वैध विवाह में प्रवेश नहीं कर सकती, क्योंकि वह एक विवाहित महिला है.