श्री कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद में नया अपडेट, इस तारीख को होगी अगली सुनवाई
उत्तर प्रदेश के मथुरा के सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में चल रहे श्री कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद मामले में अदालत ने वादी पक्ष से प्रतिवादी पक्ष संख्या एक उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दाखिल किए गए प्रतिवाद के अनुलग्नकों की प्रतियां उपलब्ध कराने के निर्देश दिए.
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश के मथुरा के सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में चल रहे श्री कृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद मामले में अदालत ने वादी पक्ष से प्रतिवादी पक्ष संख्या एक उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को दाखिल किए गए प्रतिवाद के अनुलग्नकों की प्रतियां उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. इसके बाद मामले की सुनवाई के लिए 26 अगस्त की तारीख तय की गई है.
लखनऊ निवासी नारायणी सेना के अध्यक्ष मनीष यादव की ओर से मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता दीपक देवकीनंदन शर्मा ने बताया कि हमारे मामले में सोमवार को प्रतिवादियों में प्रथम उप्र सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमैन की ओर से अधिवक्ता जीपी निगम पहली बार उपस्थित हुए.
वक्फ बोर्ड ने जवाब देने का मांगा समय
उन्होंने (जीपी निगम) अदालत के सम्मुख प्रतिवाद से संबंधित अनुलग्नकों की मांग की, जिस पर हमने सभी अपेक्षित प्रपत्र उन्हें उपलब्ध करा दिए हैं, जिसके बाद उन्होंने जवाब देने का समय मांगा, जिस पर अदालत ने उन्हें 25 अगस्त तक का समय दिया है और 26 अगस्त को मामले की सुनवाई तय की है.
ईदगाह को बताया गया है अतिक्रमण
गौरतलब है कि नारायणी सेना के अध्यक्ष मनीष यादव ने श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ जमीन को मंदिर ट्रस्ट की बताते हुए उक्त जमीन पर बनी ईदगाह को अतिक्रमण बताया है. सिविल जज की अदालत में ही पंकज सिंह के मामले में प्रतिवादी पक्ष के ईदगाह इंतजामिया कमेटी के सचिव एवं अधिवक्ता तनवीर अहमद की ओर से उनकी लगातार अनुपस्थिति पर एतराज किए जाने पर अदालत ने उनका मुकदमा खारिज कर दिया.
पंकज सिंह ने भी उक्त जमीन पर बनी ईदगाह को अतिक्रमण बताया है. दूसरी ओर, लखनऊ खंडपीठ के अधिवक्ता शैलेंद्र सिंह एवं विधि छात्राओं द्वारा दाखिल किए गए इसी मामले में एडीजे सप्तम के अवकाश पर होने के कारण एडीजे पंचम के यहां सुनवाई तय हुई परंतु शैलेंद्र सिंह द्वारा बहस के लिए समय मांगे जाने पर अदालत ने इसके लिए 11 अगस्त की तारीख तय कर दी.
हालांकि, प्रतिपक्षी अधिवक्ता तनवीर अहमद ने यहां भी विरोध दर्ज कराया कि वे पहले भी दो बार जवाब देने के लिए समय मांग चुके हैं.
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