नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा कि वह दशहरा की छुट्टी के बाद जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को खत्म करने के केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सूचीबद्ध करेगा. एक वकील से मुख्य न्यायाधीश यू.यू. ललित ने कहा कि याचिकाओं को ग्रीष्म अवकाश के बाद सूचीबद्ध किया जाना था, लेकिन उन्हें सुनवाई के लिए सूचीबद्ध नहीं किया गया.


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जस्टिस इंदिरा बनर्जी और एस. रवींद्र भटकी बेंच ने वकील से कहा कि याचिकाओं को सूचीबद्ध किया जाएगा. पूर्व मुख्य न्यायाधीश एन.वी. रमण की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस साल अप्रैल में कहा था कि अदालत गर्मी की छुट्टी के बाद मामले को सूचीबद्ध करेगी.याचिकाओं पर सुनवाई के लिए पांच जजों की नई बेंच का गठन करना होगा, क्योंकि बेंच के दो जज जस्टिस रमण और जस्टिस आर सुभाष रेड्डी सेवानिवृत्त हो चुके हैं.


केंद्र के फैसले को चुनौती
याचिकाओं के एक बैच ने अनुच्छेद 370 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 के प्रावधानों को निरस्त करने के केंद्र के फैसले को चुनौती दी है, जिसने जम्मू और कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित किया है.केंद्र ने अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करके, तत्कालीन जम्मू-कश्मीर राज्य की विशेष स्थिति को रद्द कर दिया था, और बाद में इसे दो केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में विभाजित कर दिया था.


कोर्ट ने कहा था- सात न्यायाधीशों की बेंच के पास भेजने की जरूरत नहीं
मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट की पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं के बैच को सात-न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेजने की कोई आवश्यकता नहीं है.


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