11 years of Nirbhaya case: निर्भया केस एक ऐसा दुष्कर्म का भयावह मामला था, जिसने पूरे देश को स्तब्ध कर दिया. दक्षिणी दिल्ली में चलती बस के अंदर 23 वर्षीय फिजियोथेरेपी इंटर्न के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया, जबकि उसके पुरुष मित्र को हमलावरों ने पीटा. दोनों को बिना कपड़ों और उनके निजी सामान को लूटकर मुनिरका में एक राजमार्ग के किनारे फेंक दिया गया.


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भयावह अपराध के 11 साल बाद, मामले की प्रभारी IPS अधिकारी छाया शर्मा ने याद किया कि कैसे दिल्ली पुलिस ने छह अपराधियों का पता लगाया था.


निर्भया रेप केस के दोषियों पर दिल्ली पुलिस ने कैसे कसा शिकंजा?
आधी रात को IPS छाया शर्मा को फोन आया कि दो लोग बिना कपड़ों के बुरी तरह घायल अवस्था में सड़क के किनारे पड़े हैं. फोन कॉल के ठीक एक घंटे बाद सबसे पहले बस का पता लगाने का शुरू हुआ.


उन्होंने कहा, 'लोग मान रहे थे कि अपराध स्थल वही जगह है जहां निर्भया को फेंका गया था, लेकिन अपराध का असली स्थान चलती बस थी, इसलिए हमने जो पहला काम किया वह उसे ट्रैक करना था.'


CCTV कैमरों के माध्यम से ट्रैक करने के बाद, बस ड्राइवर राम सिंह के आवास के पास पाई गई, जो इस मामले में गिरफ्तार किया गया पहला व्यक्ति था. अपराध की रात गायब रहने के कारण दो और लोगों को गिरफ्तार किया गया और पुलिस ने उनके स्थानों के आधार पर बिंदुओं को जोड़ा.


चौथे बलात्कारी, मुकेश को निर्भया के दोस्त द्वारा दिए गए विवरण के आधार पर उसके स्केच प्रसारित किए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था. मुकेश ने आत्मसमर्पण करने का फैसला तभी कर लिया था जब पुलिस ने उससे कहा था कि वे उसकी मां को उसके अपराधों के बारे में बताएंगे.


पांचवां आरोपी ड्राइवर राम सिंह का भाई लोकेश था. IPS अधिकारी ने कहा, वह राजस्थान में अपनी मां के घर भाग गया था, लेकिन दिसंबर 18 में वहां भेजी गई विशेष STF टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया. इस मामले का आखिरी आरोपी और पकड़ने में सबसे मुश्किल रहा किशोर अपराधी मोहम्मद अफरोज था.


क्यों मुश्किल था?
चूंकि केवल राम सिंह ही तब अफरोज को व्यक्तिगत रूप से जानता था, इसलिए उसकी पहचान करने के लिए उसे पुलिस के साथ राउंड पर ले जाया गया. आखिरकार, अफरोज को दिल्ली के आनंद विहार बस टर्मिनल से गिरफ्तार कर लिया गया, जो संभवतः शहर से भागने की कोशिश कर रहा था.


IPS छाया शर्मा ने ANI को बताया, 'दोषी ठहराने के लिए, हमने न केवल (लड़की के) सभी बाहरी और आंतरिक चोटों की एक लिस्ट बनाई, बल्कि उसके शरीर पर काटने के 13 निशानों का भी उल्लेख किया, जो अपराध की भयावह प्रकृति को दर्शाता है.'


अपराध की जघन्य प्रकृति और पीड़िता को दी गई यातना की वीभत्स जानकारी ने अदालत को बलात्कार मामले में छह दोषियों में से पांच को मौत की सजा देने के लिए मजबूर किया.


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