Bihar News: 4 हजार करोड़ की लागत से बिहार में बनेगी दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा, जानें कितनी होगी ऊंचाई
गंगा नदी के किनारे बसे बिहार की राजधानी पटना में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनने जा रही है. इसकी ऊंचाई 243 मीटर होगी, जो गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर बने दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से 61 मीटर ऊंची होगी. यह प्रतिमा देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की होगी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो इस प्रतिमा को बनाने में कुल चार हजार करोड़ के लागत का अनुमान है.
नई दिल्लीः गंगा नदी के किनारे बसे बिहार की राजधानी पटना में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा बनने जा रही है. इसकी ऊंचाई 243 मीटर होगी, जो गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर बने दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी से 61 मीटर ऊंची होगी. यह प्रतिमा देश के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद की होगी. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो इस प्रतिमा को बनाने में कुल चार हजार करोड़ के लागत का अनुमान है.
राज्य सरकार की मंजूरी मिलते ही शुरू होगा काम
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सोमवार 29 जनवरी को पटना नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति की बैठक में प्रतिमा बनाने से संबंधित प्रस्ताव पास हो गया है. यहां से यह प्रस्ताव पास होने के बाद राज्य सरकार को भेज दिया गया है. अब राज्य सरकार की मंजूरी का इंतजार है. जैसे ही राज्य सरकार प्रतिमा को लेकर अपनी मंजूरी देगी, इसे बनाने का काम शुरू कर दिया जाएगा.
मरीन ड्राइव के किनारे बनाई जाएगी प्रतिमा
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की यह प्रतिमा पटना में गंगा नदी के तट पर स्थित उनकी समाधि स्थल के पास बनाई जाएगी. यहां पर पांच एकड़ से भी ज्यादा भूमि खाली पड़ी है. राजेंद्र प्रसाद की 243 मीटर ऊंची यह प्रतिमा जेपी गंगा पथ (मरीन ड्राइव) के किनारे स्थापित की जाएगी.
इसके निर्माण में करीब-करीब चार हजार करोड़ की लागत आने का अनुमान जताया गया है. इस स्टैच्यू को बनाने का मुख्य उद्देश्य बिहार में पर्यटकों की संख्या में इजाफा लाना है. साथ ही डॉ. राजेंद्र प्रसाद की योगदानों से दुनिया को परिचित कराना है.
स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी है दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा
बता दें कि मौजूदा समय में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा गुजरात में नर्मदा नदी के तट पर स्थित भारत के पहले उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की है. इसकी कुल ऊंचाई 182 मीटर है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो इसे बनाने में कुल तीन हजार करोड़ का खर्च आया था. इसे स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी के नाम से भी जाना जाता है. इस प्रतिमा के बाद दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा चीन में स्प्रिंग टैम्पल बुद्ध की है. इसकी आधार के कुल ऊंचाई 153 मीटर है.
ये भी पढ़ेंः Smile Scheme: 30 शहरों को भिखारी मुक्त करेगी मोदी सरकार, देश की गरीबी खत्म करने का प्लान तैयार
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.