बीजेपी के खिलाफ आज बेंगलुरू में जुटेंगे 26 दल, बड़ी रणनीति पर होगी चर्चा
बैठक में राज्य-दर-राज्य आधार पर सीट बंटवारे को तय करने की प्रक्रिया पर भी चर्चा हो सकती है. उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता ईवीएम के मुद्दे पर भी चर्चा कर सकते हैं और निर्वाचन आयोग को सुधारों का सुझाव दे सकते हैं.
नई दिल्ली. बेंगलुरु में सोमवार को होने वाली विपक्ष की बैठक में 26 विपक्षी दलों के शीर्ष नेताओं के दो दिवसीय विचार-मंथन सत्र में भाग लेने की संभावना है, जहां वे 2024 के लोकसभा चुनावों में भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए अपनी रणनीति तैयार करेंगे. सूत्रों के मुताबिक, नेताओं के एक संयुक्त घोषणापत्र जारी करने को लेकर चर्चा करने और अधिकांश लोकसभा सीट पर साझा विपक्षी उम्मीदवारों को खड़ा करने के अपने प्रस्ताव पर आगे बढ़ने की संभावना है.
सोमवार को रात्रिभोज से पहले चर्चा कर वार्ता के एजेंडे को अंतिम रूप दिया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि 2024 के आम चुनावों के मद्देनजर विपक्षी गठबंधन के लिए एक साझा न्यूनतम कार्यक्रम और संचार बिंदुओं का मसौदा तैयार करने के लिए एक उपसमिति गठित करने का प्रस्ताव है.
संयुक्त कार्यक्रम तैयार करने को उपसमिति!
सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा, दलों के संयुक्त कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार करने के लिए एक उपसमिति गठित करने की भी योजना है, जो रैलियां, सम्मेलन और आंदोलन की रूपरेखा तैयार करेगी.
सीट बंटवारे पर भी चर्चा संभव
सूत्रों ने कहा कि राज्य-दर-राज्य आधार पर सीट बंटवारे को तय करने की प्रक्रिया पर भी चर्चा हो सकती है. उन्होंने कहा कि विपक्षी नेता ईवीएम के मुद्दे पर भी चर्चा कर सकते हैं और निर्वाचन आयोग को सुधारों का सुझाव दे सकते हैं.
एक लीडर का नाम सुझाने की भी योजना
विपक्षी नेता गठबंधन के लिए एक नाम सुझाने की भी योजना बना रहे हैं. कांग्रेस द्वारा आयोजित बैठक की पूर्व संध्या पर पार्टी ने स्पष्ट किया कि वह संसद में दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश का विरोध करेगी.
आम आदमी पार्टी ने शर्त रखी थी कि कांग्रेस द्वारा संसद में अध्यादेश का विरोध करने की सूरत में ही वह विपक्षी दलों की बैठक में भाग लेगी. पटना में 23 जून को हुई विपक्षी दलों की पहली बैठक में 15 दलों ने भाग लिया था.
एक सूत्र ने कहा, ‘इस बार हम 26 दलों के नेताओं के बैठक में शामिल होने की उम्मीद कर रहे हैं.’ विपक्ष की यह बैठक शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विभाजन और पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में व्यापक पैमाने पर हुई हिंसा के बीच हो रही है, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई. बंगाल में हुई चुनावी हिंसा को लेकर कांग्रेस की पश्चिम बंगाल इकाई और वाम दलों ने सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की आलोचना की है.
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