नई दिल्लीः मद्रास हाईकोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है. एक मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इस्लामिक मान्यताओं में भले ही एक इंसान को 4 शादी करने का अधिकार हो लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि वह अपनी अन्य पत्नियों से गैर-बराबरी का बर्ताव करे. कोर्ट ने कहा कि उसे सभी पत्नियों को समान अधिकार देने होंगे और उनसे अच्छा व्यवहार रखना होगा. ऐसा नहीं करने पर इसे क्रूरता की श्रेणी में माना जाएगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

अब जानें क्या है पूरा मामला
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक,मद्रास हाईकोर्ट में एक महिला ने अपने पति और ससुरालवालों के खिलाफ याचिका दायर की थी. महिला ने आरोप लगाया कि उसके रहते उसके पति ने न सिर्फ दूसरी शादी की बल्कि अब उसी के साथ रहता है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला ने आरोप लगाया कि उसकी प्रेगनेंसी के दौरान उसका कोई ख्याल नहीं रखा गया.


महिला ने कहा कि घर में उत्पीड़न के चलते उसका मिसकैरेज हो गया था.महिला ने आरोप लगाया कि उसका पति हमेशा रिश्तेदारी की महिलाओं से उसकी तुलना करता था और हमेशा उसके बनाए खाने को खराब बताता था. महिला ने कहा कि जब उत्पीड़न हद से ज्यादा हो गया तो उसने ससुराल ही छोड़ दिया.


इसके बाद पति ने कई बार उसे वापस लौटने को कहा और जब नहीं आई तो दूसरी शादी कर ली. मद्रास हाई कोर्ट ने दस्तावेजों और सबूतों के आधार पाया कि महिला का आरोप सही है. कोर्ट ने पाया कि लड़के ने शादी की जिम्मेदारियां ही नहीं उठाईं. कोर्ट ने कहा कि यह पति की जिम्मेदारी थी कि वह उसका खर्च उठाए, भले ही वह मायके में रह रही हो.


कोर्ट ने सुनाया ये फैसला
वहीं, हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि पति और उसके परिवार के लोगों ने पहली पत्नी का उत्पीड़न किया था. हाईकोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि पति ने पहली पत्नी के साथ समान बर्ताव नहीं किया, जैसा वह दूसरी के साथ कर रहा था. यह इस्लामिक कानून के मुताबिक जरूरी है. इस्लामी नियमों के तहत एक शख्स बहुविवाह कर सकता है, लेकिन उसकी यह शर्त है कि वह सभी पत्नियों से समान व्यवहार करे. लेकिन पति ने ऐसा नहीं किया ऐसे में यह शादी कानूनी और धार्मिक आधार पर नहीं टिकता. इसके साथ ही कोर्ट ने महिला के पक्ष में फैसला सुनाया.


Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.