नई दिल्लीः एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि चुनावी राज्य मिजोरम में 39 विधायकों में से 35 विधायकों ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है. वहीं 40 सदस्यीय विधानसभा में एक भी महिला विधायक नहीं है. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि विश्लेषण किए गए 39 मौजूदा विधायकों में से दो यानी पांच प्रतिशत विधायकों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.


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जानिए क्या है रिपोर्ट में
रिपोर्ट में कहा गया है कि एक विधायक ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं. जिन विधायकों ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं उनमें से दो मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) से हैं. राज्य विधानसभा में विधायकों की वित्तीय पृष्ठभूमि पर टिप्पणी करते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि विश्लेषण किए गए 39 मौजूदा विधायकों में से 35 करोड़पति हैं.


इस पार्टी में सबसे अमीर नेता
रिपोर्ट में कहा गया है कि एमएनएफ के 27 में से 23 विधायकों, ज़ोरम पीपुल्स मूवमेंट के छह में से छह विधायकों, कांग्रेस के पांच में से पांच विधायकों और एक भाजपा विधायक ने एक करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति घोषित की है. इसमें यह भी कहा गया है कि मिजोरम में प्रति मौजूदा विधायक की संपत्ति का औसत 4.80 करोड़ रुपये है.


विश्लेषण किए गए 27 एमएनएफ विधायकों की प्रति विधायक औसत संपत्ति 4.99 करोड़ रुपये है, जबकि विश्लेषण किए गए छह जेडपीएम नेताओं की प्रति विधायक औसत संपत्ति 3.89 करोड़ रुपये है, विश्लेषण किए गए पांच कांग्रेस विधायकों की प्रति विधायक औसत संपत्ति 5.13 करोड़ रुपये है और एक भाजपा विधायक की संपत्ति 3.31 करोड़ रुपये है.


मिजोरम में सबसे अमीर विधायक रॉबर्ट रोमाविया रॉयटे एमएनएफ आइजोल से हैं, जो दक्षिण-II विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, उनकी संपत्ति 44.74 करोड़ रुपये है. रॉयटे के बाद 16.98 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ एमएनएफ विधायक रामथनमाविया हैं. वह पूर्वी तुईपुई की विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. विधायक जेडपीएम के लालछुआनथंगा ने 12.94 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की है.


रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि 27 (69 प्रतिशत) विधायकों ने अपने हलफनामे में देनदारियों की घोषणा की है. रिपोर्ट में कहा गया है कि नौ (23 प्रतिशत) विधायकों ने अपनी शैक्षणिक योग्यता पांचवीं पास और 12वीं पास के बीच घोषित की है, जबकि 29 (74 प्रतिशत) विधायकों ने स्नातक या उससे ऊपर की शैक्षणिक योग्यता घोषित की है.