चेन्नई. तमिलनाडु के नागपट्टनम स्थित एक मंदिर से वर्ष 1929 में चोरी हुई चोल रानी सेमबियां महादेवी की करीब साढ़े तीन फीट की कांस्य प्रतिमा अमेरिका के वाशिंगटन स्थित ‘फ्रीर गैलरी ऑफ आर्ट’ संग्रहालय में मिली है. पुलिस के प्रतिमा प्रकोष्ठ ने प्रतिमा का पता चलने के बाद उसे वापस लाने की कोशिशें शुरू कर दी हैं.


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पुलिस महानिदेशक जयंत मुरली ने बताया कि इस प्रतिमा को फ्रीर गैलरी ऑफ आर्ट ने 1929 में न्यूयॉर्क में हैगोप केवोरकियन नामक व्यक्ति से अज्ञात कीमत देकर खरीदा था. केवोरकियन की वर्ष 1962 में मौत हो गई थी. उन्होंने बताया कि प्रतिमा कैसे वहां पहुंची और कितने में खरीदी गई यह अब भी जांच का विषय है.


पुलिस महानिदेशक ने बताया कि राजेंद्रन नामक व्यक्ति ने 2018 में वेलनकन्नी पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि उसने 2015 में फ्रीर गैलरी ऑफ आर्ट के दौरे के दौरान सेमबियां महादेवी की प्रतिमा देखी है. उसने बताया कि उसने इसकी जानकारी नागपट्टनम से 25 किलोमीटर दूर सेमबियां महादेवी गांव के कैलाशनाथ स्वामी शिव मंदिर के लोगों को भी दी है. बाद में इस मामले को पुलिस के प्रतिमा प्रकोष्ठ को सौंप दिया गया.


कौन है सेमिबियां महादेवी
दरअसल चोल साम्राज्य की कई महारानियां ने सेबियां महादेवी का टाइटल अपने नाम के साथ लगाया था. ये महारानी राजा की मां, दादी और चाची भी हो सकती थीं. इन सब में सबसे ज्यादा मशहूर राजा उत्तम चोल की मां थीं. उन्हें चोल साम्राज्य की सबसे ताकतवर रानी कहा जाता है. 


साठ वर्षों के शासनकाल के दौरान बनाए कई मंदिर
अपने साठ वर्ष के शासनकाल के दौरान उन्होंने बड़ी संख्या में मंदिरों का निर्माण करवाया था. उस वक्त के प्रमाणों के मुताबिक उन्होंने अपने आराध्य देव शिव के मंदिर में 24 घंटे दीपक जलाए रखने के लिए दान दिए थे. 


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