नई दिल्ली. देश की राजधानी दिल्ली और पंजाब जैसे राज्य में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी ने बुधवार को समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) का समर्थन किया है. AAP ने कहा है कि वो सैद्धांतिक रूप से UCC का समर्थन करते हैं लेकिन इसे तानाशाही तरीके से नहीं लागू करना चाहिए. आप सांसद संदीप पाठक ने कहा है-हम सैद्धांतिक रूप से UCC के समर्थन में हैं क्योंकि Article 44 भी कहता है कि देश में UCC होना चाहिए. कुछ मुद्दे ऐसे होते हैं, जिन पर आप Reverse नहीं जा सकते हैं, ऐसे मुद्दे लागू करने से आपसे कई धर्मो, सम्प्रदाय के लोग नाराज़ हो सकते हैं. आप Authoritarian तरीक़े से इसे लागू नहीं कर सकते हैं. इसलिए सभी धर्मों, राजनीतिक दलों और संगठनों से Large Scale पर विचार-विमर्श कर आम सहमति बनानी चाहिए.



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एक दिन पहले पीएम मोदी ने भी दिया है बड़ा बयान
आम आदमी पार्टी का यह स्टैंड विपक्षी एकता की कोशिश में लगी कई पार्टियों को नाराज भी कर सकता है. दरअसल केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी समान नागरिक संहिता लाना चाहती है. ठीक एक दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी UCC के मुद्दे पर अहम बात कही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समान नागरिक संहिता पर दो टूक बयान देते हुए कहा कि सियासी फायदे के लिए विपक्ष यूसीसी का इस्तेमाल कर रहा है. वोट बैंक की भूखी पार्टियां समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर मुसलमानों में भ्रम फैला रही हैं. प्रधानमंत्री मोदी मंगलवार को 'मेरा बूथ, सबसे मजबूत' कार्यक्रम में भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने लखनऊ की रीना चौरसिया से बात की. जिसमें रीना ने पीएम मोदी से सवाल पूछा कि समान नागरिक संहिता को लेकर विपक्षी दल मुस्लिम समुदाय को भ्रमित कर रहे हैं. हम मुस्लिम समुदाय को कैसे समझाएं?


पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं से कहा- तथ्यों के आधार पर समझाएं
इस पर पीएम मोदी ने भाजपा कार्यकर्ताओं को जवाब दिया और कहा कि तथ्यों के आधार पर बात करें. उन्होंने कहा कि आज यूसीसी के नाम पर लोगों को भड़काया जा रहा है. देश दो कानूनों पर कैसे चल सकता है? संविधान भी समान अधिकारों की बात करता है सुप्रीम कोर्ट ने भी यूसीसी लागू करने को कहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट कहता है कि यूसीसी लागू करो. लेकिन, वोट बैंक के भूखे ये लोग नहीं चाहते हैं. इसके नाम पर लोगों को भड़काने का काम किया जा रहा है. पीएम मोदी ने कहा कि अगर एक परिवार में सदस्यों के लिए अलग-अलग व्यवस्था हो तो परिवार नहीं चल सकता. ऐसे ही एक देश में लोगों के लिए अलग-अलग कानून कैसे हो सकता है?



विपक्षी एकता के लिए बड़ा झटका आप का स्टैंड!
अब प्रधानमंत्री के इस बड़े बयान के ठीक एक दिन बाद आप का UCC पर समर्थन विपक्षी एकता पर बड़े झटके के रूप में देखा जा रहा है. वैसे भी पटना में हुई विपक्षी बैठक से पहले दिल्ली में ऑर्डिनेंस के मुद्दे पर आप और कांग्रेस के बीच तनातनी हो चुकी है. आप की तरफ से कहा गया था कि अगर दिल्ली ऑर्डिनेंस के मुद्दे पर उन्हें समर्थन नहीं मिला तो वो बैठक से वॉक आउट करेंगे. 


क्या कांग्रेस के साथ और बढ़ेगी तनातनी!
23 जून को हुई बैठक के दौरान वैसे भी किसी मुद्दे पर सहमति नहीं बन पाई है. अब अगली विपक्षी बैठक आगामी दस जुलाई को होनी है. अभी विपक्षी दलों में सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर कोई एक राय भी नहीं बन पाई है. ऐसे में आप द्वारा UCC जैसे बड़े मुद्दे के समर्थन के बाद कांग्रेस के साथ तनातनी और भी बढ़ सकती है.