कोर्ट से लगा मुख्तार के बेटे अब्बास को झटका, जमानत याचिका हुई खारिज
कोर्ट ने कहा कि अंसारी के पास से बड़ी संख्या में धातु के कारतूस बरामद हुए थे, जबकि निशानेबाजी के खेल में धातु के कारतूस प्रतिबंधित हैं.
लखनऊ. माफिया मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को सोमवार को अदालत से झटका लगा है. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने हथियार लाइसेंस मामले में अब्बास अंसारी की जमानत याचिका खारिज कर दी. जस्टिस सुभाष विद्यार्थी की पीठ ने अब्बास अंसारी की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया.
कोर्ट ने कहा कि अंसारी के पास से बड़ी संख्या में धातु के कारतूस बरामद हुए थे, जबकि निशानेबाजी के खेल में धातु के कारतूस प्रतिबंधित हैं. कोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई कि अब्बास ने एक जन प्रतिनिधि होते हुए भी यह कृत्य किया, इसलिए यह एक गंभीर मामला है.
अब्बास के वकील ने क्या दी दलील
अब्बास के वकील ने कोर्ट के समक्ष कहा कि वह (अब्बास) निशानेबाजी के खिलाड़ी हैं और उनके पास वैध हथियार लाइसेंस है. इसलिए वह तीन हथियार रखने के हकदार हैं. इसमें कुछ भी अवैध नहीं है. दिल्ली के अधिकारियों ने अंसारी के शस्त्र लाइसेंस के स्थानांतरण के सिलसिले में उत्तर प्रदेश के अधिकारियों से पत्राचार किया था, लिहाजा यह नहीं कहा जा सकता कि अंसारी ने अपने लाइसेंस के स्थानांतरण के बारे में कोई जानकारी छुपाई है.
क्या बोले सरकार के वकील
दूसरी तरफ जमानत याचिका का विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि अब्बास के पास से कुल आठ हथियार और चार हजार से अधिक धातु निर्मित कारतूस बरामद किये गये थे. अब्बास अंसारी के खिलाफ धोखाधड़ी से एक शस्त्र लाइसेंस पर कई असलहे खरीदने को लेकर में अक्टूबर 2019 में लखनऊ की महानगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था. आरोप है कि अंसारी ने अवैध तरीके से शस्त्र लाइसेंस को अपने पिता मुख्तार अंसारी के नई दिल्ली पते पर स्थानांतरित कराया था.
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