शिमला. हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के प्रत्याशी अभिषेक मनु सिंघवी ने राज्य हाईकोर्ट का रुख किया है. उन्होंने एक याचिका दायर कर प्रतिद्वंद्वी BJP उम्मीदवार को पर्ची निकालकर ड्रॉ के जरिए विजेता घोषित करने वाले नियम को चुनौती दी है. उनका तर्क है कि अगर दो उम्मीदवारों को बराबर वोट मिलते हैं तो लॉटरी निकालने का फॉर्मूला गलत है.


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क्या बोले अभिषेक मनुसिंघवी
अभिषेक ने कहा- बराबर वोट मिलने की स्थिति में जिस उम्मीदवार की पर्ची निकले उसे हारा हुआ घोषित करना कानूनी तौर पर गलत है. उन्होंने कहा-ऐसा कोई कानून नहीं है कि लॉटरी में जिस व्यक्ति का नाम निकलता है, वह हारा हुआ है. आम तौर पर, जिसका नाम सामने आए उसे जीतना चाहिए। इसलिए अगर यह धारणा गलत है तो चुनाव परिणाम भी गलत है. कानून में ऐसा कोई नियम नहीं है, लेकिन नियम की धारणा को अदालत में चुनौती दी गई है. ऐसी याचिका दायर करने के लिए याचिकाकर्ता को स्वयं अदालत में आना होगा, यह नियम है.


कभी सुक्खू के करीब रहे हैं हर्ष महाजन
बता दें कि इस चुनाव में बीजेपी के हर्ष महाजन छह विधायकों द्वारा क्रॉस-वोटिंग की खबरों के बीच 27 फरवरी को सिंघवी को हराकर राज्यसभा के लिए चुने गए थे. महाजन कभी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के करीबी रहे हैं. प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में दोनों उम्मीदवारों को 34-34 वोट मिले, जिनमें तीन निर्दलीय विधायक भी शामिल थे, जिनके बारे में माना जाता है कि उन्होंने बीजेपी के पक्ष में मतदान किया था. अंतिम लॉटरी के माध्यम से महाजन को विजेता घोषित किया गया था. बीजेपी ने राज्य की एकमात्र राज्यसभा सीट जीत ली.



क्या बोले बीजेपी कैंडिडेट हर्ष महाजन
हर्ष महाजन ने अभिषेक मनु सिंघवी के कोर्ट जाने पर कहा है-उन्होंने एक तरह से चुनाव के नियमों को चुनौती दी है. जब दोनों के वोट 34-34 हुए तो पर्ची निकली है, उसे चैलेंज किया गया है. असल बात ये है कि रिटर्निंग ऑफिसर ने सबकुछ अच्छी तरह एक्सप्लेन किया था. सिंघवी साहब तो अपनी किताब लेकर आए थे जिनमें रूल्स थे. रूल्स पर सिंघवी साहब ने सिग्नेचर किए. सबकुछ चुनाव के नियमों के मुताबिक हुआ है.


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