Adani Group ने भारतीय स्टेट बैंक में क्या गिरवी रखा? जानें क्या है असल माजरा
अडानी समूह की कंपनियों ने एसबीआई के पास अतिरिक्त शेयर गिरवी रखे. वहीं अधिकारी ने बताया कि अडानी समूह ताजपुर बंदरगाह के लिए प्रतिबद्ध, औपचारिकताएं पूरी होने का इंतजार है.
नई दिल्ली: अडानी समूह की तीन कंपनियों ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के पास अतिरिक्त शेयर गिरवी रखे हैं. कुछ दिनों पहले अमेरिका की शॉर्ट सेलर कंपनी हिंडनबर्ग की अडानी पर धोखाधड़ी के आरोप वाली रिपोर्ट आने के बाद इसके बाजार मूल्य में 100 अरब डॉलर से अधिक का नुकसान हुआ है.
75 लाख शेयर रखे गए गिरवी, जानें पूरा माजरा
कंपनी ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि समूह की कंपनियों- अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकॉनोमिक जोन (एपीएसईजेड), अडानी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अडानी ग्रीन एनर्जी ने अपने शेयर एसबीआई की इकाई एसबीआई कैप ट्रस्टी कंपनी के पास गिरवी रखे.
सूचना के अनुसार, एपीएसईजेड के और 75 लाख शेयर गिरवी रखे गए हैं, जिसके बाद उसके सभी शेयरों का एक प्रतिशत एसबीआई कैप के पास गिरवी हो गया है. वहीं, अडानी ग्रीन के 60 लाख अतिरिक्त शेयरों को गिरवी रखने के बाद एसबीआई कैप के पास कंपनी के कुल शेयरों के 1.06 प्रतिशत शेयर गिरवी हो गए, जबकि अडानी ट्रांसमिशन के 13 लाख और शेयरों को गिरवी रखने से इसके कुल 0.55 प्रतिशत शेयर गिरवी हो गए.
अडानी समूह के वरिष्ठ अधिकारी ने दी जानकारी
अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड लिमिटेड (एपीएसईजेड) पश्चिम बंगाल के ताजपुर में बंदरगाह परियोजना के लिए प्रतिबद्ध है और कंपनी राज्य से मसौदा रियायत समझौता जैसी वैधानिक औपचारिकताओं के पूरे होने का इंतजार कर रही है. अडानी समूह के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी.
अधिकारी ने कहा कि औपचारिकताएं पूरी होने के बाद एपीएसईजेड अपनी योजना और कार्यक्रम के अनुसार बंदरगाह को विकसित करने के लिए काम शुरू कर देगी. अधिकारी ने बताया, 'हम समुद्र के बीच ताजपुर बंदरगाह को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं. हमें इस संबंध में राज्य की तरफ से वैधानिक औपचारिकताएं पूरी होने का इंतजार है.'
अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा पिछले महीने अडानी समूह के खिलाफ विभिन्न आरोप लगाए जाने के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट होने के बीच यह बयान आया है. अडानी समूह ने हालांकि इन आरोपों को स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया था.
अडानी पोर्ट्स ने ताजपुर में स्थित बंदरगाह ताजपुर सागर पोर्ट को विकसित करने के उद्देश्य से पिछले साल अक्टूबर में समझौता किया था. यह बंदरगाह राज्य के आर्थिक विकास के लिए प्रमुख अवसंरचनात्मक परियोजना है. इस संबंध में राज्य सरकार से जवाब मांगा गया. फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है.
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