आजादी के बाद पहली बार LOC के पास इस गांव में मनी दीवाली, बन रहा मां शारदा का मंदिर
नियंत्रण रेखा पर स्थित इस इलाके में माता शारदा देवी मंदिर का पुनर्निर्माण किया जा रहा है, जहां पहली बार दिवाली मनाई गई.
टीटवाल. जम्मू कश्मीर में कुपवाड़ा जिले का टीटवाल गांव सोमवार की शाम सैकड़ों दीयों से जगमग हो उठा. नियंत्रण रेखा पर स्थित इस इलाके में माता शारदा देवी मंदिर का पुनर्निर्माण किया जा रहा है, जहां पहली बार दिवाली मनाई गई.
गर्भगृह का दोबारा निर्माण किया जा रहा
प्राचीन मंदिर और इसके गर्भगृह का दोबारा निर्माण किया जा रहा है, ताकि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में शारदा पीठ मंदिर की सदियों पुरानी तीर्थयात्रा फिर से शुरू की जा सके. शारदा पीठ भारतीय उपमहाद्वीप के सबसे प्राचीन मंदिरों में एक है. टीटवाल, कुपवाड़ा में स्थित है और शारदा पीठ इस गांव से महज 40 किमी दूर स्थित है.
शिक्षा का एक बड़ा केंद्र रहा है
शारदा पीठ नीलम नदी के तट पर स्थित शारदा गांव में स्थित है. यह शिक्षा का एक बड़ा केंद्र रहा है. इसे दक्षिण एशिया के 18 अत्यधिक श्रद्धेय मंदिरों में गिना जाता है. देश की आजादी के बाद पहली बार शारदा यात्रा मंदिर में दीये और मोमबत्तियां जला कर दिवाली मनाई गई.
स्थानीय लोगों और सैनिकों ने जलाए दीये
टीटवाल में इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया जा रहा है. सेव शारदा कमेटी के प्रमुख रविंदर पंडित ने बताया कि काफी संख्या में स्थानीय लोगों और सेना के जवानों ने सोमवार को दीये जलाए, मिठाइयां बांटी.
भारत के विभाजन के बाद पहली बार टीटवाल में निर्माण समिति के सदस्य एजाज खान के नेतृत्व में दिवाली मनाई गई. टीटवाल, शारदा पीठ की तीर्थयात्रा के लिए एक पारंपरिक मार्ग है. यात्रा कबायली हमलों और विभाजन के बाद 1948 में बंद कर दी गई थी.
इसे भी पढ़ें- ऋषि सुनक... जो गर्व से कहते हैं कि मैं हिंदू हूं और हिंदू होना ही मेरी पहचान है
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.