नई दिल्ली: Agricultural Bills (कृषि विधेयक) पर केंद्र की मोदी सरकार और विपक्ष में जमकर आरोप प्रत्यारोप चल रहे हैं. विपक्षी दल इस विधेयक का खुला विरोध कर रहे हैं तो मोदी सरकार इन्हें हर हालत में पारित कराने पर अड़ गयी है. तीनों कृषि विधेयकों पर सरकार के भीतर से विरोध के स्वर उठ रहे हैं. खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल पहले ही बिलों के विरोध में इस्तीफा दे चुकी हैं.


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सड़क से लेकर संसद तक संग्राम


किसानों के लिए लाए जा रहे तीन कृषि विधेयकों को लेकर सड़क से संसद तक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. सड़कों पर किसान संगठन सरकार के खिलाफ उग्र नारेबाजी कर रहे हैं. इन विधेयकों को लेकर विपक्ष के तेवर तो गरम हैं ही, NDA की सहयोगी अकाली दल के सुर भी बागी हो गए हैं, लेकिन तमाम विरोधों के बीच सरकार इन विधेयकों को आज राज्य सभा में पेश करेगी.


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राज्यसभा में बिल पास कराना चुनौती


आपको बता दें कि सरकार को भरोसा है कि वो इन विधेयकों को राज्य सभा से पास करा लेगी. केंद्र सरकार द्वारा लाये जाने वाले विधेयक इस प्रकार हैं-


कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) बिल


मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (संरक्षण एवं सशक्तिकरण बिल)


आवश्यक वस्तु संशोधन बिल


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राज्यसभा का सियासी गणित


245 सदस्यों वाले राज्‍यसभा में बीजेपी की अगुवाई वाले NDA के पास स्‍पष्‍ट बहुमत नहीं है, लेकिन कई क्षेत्रीय पार्टियों ने पिछले कई सेशन में सरकार का साथ दिया है. राज्य सभा में अभी बहुमत का आंकड़ा 122 है. बीजेपी का दावा है कि उसके साथ 130 सांसद हैं.बीजेपी को AIADMK के 9 सांसदों, टीआरएस के 7, वाईएसआर कांग्रेस के 6, शिवसेना के 3, बीजू जनता दल के 9 और टीडीपी के 1 सांसद से समर्थन का भरोसा है. राज्यसभा में भाजपा के पास अकेले 86 सांसद हैं.