नई दिल्ली: Air India Express: एयर इंडिया एक्सप्रेस लगातार चर्चा में बनी हुई है. इसकी करीब 80 उड़ानें रद्द हो गई हैं. इसका कारण स्टाफ की अनुपस्थिति को माना जा रहा है. करीब 300 सीनियर केबिन क्रू मेंबर्स ने बीमार होने की बात कही है और अपने मोबाइल फोन स्विच ऑफ कर दिए हैं. कुछ समय पहले टाटा ग्रुप की एक अन्य एयरलाइन विस्तारा में ठीक ऐसे ही हालत बने थे. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि सभी क्रू मेंबर्स बीमार पड़ गए हैं या कंपनी के कर्मचारियों में किसी बात को लेकर असंतोष है. 


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सूत्र- बीमारी बहाना, असली कारण ये
सूत्रों के हवाले से जानकारी सामने आई है कि स्टाफ एयरलाइन में मिस मैनेजेमेंट को लेकर नाराज है. जब से Air India का AIX Connect (एयर एशिया कनेक्ट) के साथ विलय प्रक्रिया की शुरू हुई है, तभी से केबिन क्रू खुश नहीं है. अब उनका असंतोष खुलकर सामने आ गया है. 


यूनियन ने मैनेजमेंट को लिखा था लेटर
एयर इंडिया एक्सप्रेस एम्प्लॉइज यूनियन का आरोप है कि मिस मैनेजमेंट के कारण कर्मचारियों का कॉन्फिडेंस गिर गया है. बीते महीने ही यूनियन ने कंपनी के मैनेजमेंट को चिट्ठी लिखी. इसमें अपनी मांगों और समस्याओं को बताया. बता दें कि यह यूनियन भारतीय मजदूर संघ से भी जुड़ा हुआ है. 


ये हैं नाराजगी के कारण
1. एअर इंडिया एक्सप्रेस, एअर इंडिया एशिया और विस्तारा... ये टाटा ग्रुप का हिस्सा हैं. ग्रुप नौकरी में मेरिट सिस्टम समेत कई शर्ते ला रहा है, इससे पुराने स्टाफ खुश नहीं है. अप्रैल में टाटा ग्रुप के चेयरमैन को एअर इंडिया ने लेटर लिखा, इसमें कहा गया कि स्टाफ के साथ समान व्यवहार नहीं हो रहा. 


2. टाटा ग्रुप ने जैसे ही एयर इंडिया का अधिग्रहण किया, तो कुछ लोगों को नौकरी से निकाल दिया गया. दावा है कि उनका पुराना रिकॉर्ड भी बेहतर था. जबकि देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अधिग्रहण के दौरान आश्वासन दिया था कि 2 साल तक किसी की नौकरी नहीं जाएगी.


3. एयर इंडिया के स्टाफ के कुछ लोगों ने हायर रैंक के लिए इंटरव्यू क्लियर किया. लेकिन उन्हें लोअर ग्रेड जॉब ही दी गई. बाहर से कम अनुभव वाले लोगों को हायर रैंक दे दी गई.


4. यूनियन की ओर से लिखे गए लेटर के मुताबिक, HRA, TA, DA, जैसे जरूरी भत्तों को हटा दिया है. अधिग्रहण होने से पहले ये भत्ते मिला करते थे. अब क्रू मेंबर्स की उनकी सैलरी काफी कम हो चुकी है.


5. एयरलाइंस को चलाने के लिए स्टैंडर्ड ऑफ प्रोटोकॉल (SOP) को नहीं माना जा रहा. अनुभवी स्टाफ की अनदेखी की जा रही है. इसका सीधा असर कस्टमर एक्सपीरियंस पर हो रहा है. कंपनी की परफॉर्मेंस भी गिर रही है. 


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