नई दिल्ली: नूपुर शर्मा के खिलाफ जहरीले बोल बोलने वाले सलमान चिश्ती एक के बाद एक विवादों में उलझता जा रहा है. पुलिस उसे गिरफ्तार कर चुकी है. दरगाह कमेटी उसके विवादित बयान से पल्ला झाड़ चुकी है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है जब अजमेर दरगाह के किसी चिश्ती ने ऐसी करतूत को अंजाम दिया हो. इससे पहले अजमेर दरगाह का ही खादिम फारूक चिश्ती 100 लड़कियों के गैंगरेप कांड का दोषी पाया गया.


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देश का सबसे बड़ा बलात्कार कांड और अजमेर दरगाह


इन दिनों सलमान चिश्ती का नाम उसकी हरकतों के चलते हर कोई जान गया है, लेकिन सलमान चिश्ती पहला ऐसा शख्स नहीं है, जो अजमेर दरगाह जैसे पवित्र धार्मिक स्थल का खादिम होने के बावजूद ऐसे कांड को अंजाम दे रहा हो. आपको 30 साल पहले की ऐसी घटना की याद दिलाते हैं, जो देश का सबसे बड़ा बलात्कार कांड था.


वो साल था 1992, जब अजमेर के सोफिया गर्ल्स स्कूल की कई सारी बच्चियों को सामूहिक दुष्कर्म का शिकार बनाया जाता था. न सिर्फ उनका शोषण किया जाता था, बल्कि उन्हें तरह-तरह से ब्लैकमेल भी किया जाता था. उनकी नग्न तस्वीरों के जरिए उनसे उनकी दोस्त, बहन और भाभी को भी बुलाने के लिए कहा जाता था. जबरन उनके साथ भी यौन शोषण किया जाता था.


अजमेर, चिश्ती, ब्लैकमेलिंग और बलात्कार..


इस पूरे वाकये में सबसे अहम किरदार जो थे वो था राजस्थान का अजमेर जिला, अजमेर दरगाह, चिश्ती, बलात्कार और ब्लैकमेलिंग घिनौना खेल.. इस कांड को अब तक का देश का सबसे बड़ा बलात्कार कांड कहा जाता है. जब एक ही शहर की 100 से ज्यादा लड़कियों को एक-एक कर अपने हवस का शिकार बनाया जाता है. इस पूरे खेल के मास्टरमाइंड का सीधा कनेक्शन अजमेर दरगाह के खादिम से था.


बताया जाता है कि इस स्कैंडल के मास्टरमाइंड फारूक चिश्ती, अनवर चिस्ती और नफीस चिश्ती थे. ये तीनों ही यूथ कांग्रेस के नेता थे. अजमेर दरगाह का खादिम बैकग्राउंड और सियासी रसूख के दम पर इन सबने सैकड़ों लड़कियों के साथ घिनौने वारदात को अंजाम दिया.


अजमेर शहर और दरगाह पर किसने लगाया दाग?


धर्म और आस्था के लिए मशहूर अजमेर शहर पर और वहां के दरगाह पर साल 1992 में ये काला धब्बा लग गया. सवाल ये था कि इसके पीछे कितने लोग और कौन-कौन है? साल 2018 की बात है, जब 25 साल बाद मुख्य आरोपी सुहैल गनी चिश्ती को गिरफ्तार किया गया.


ऐसा बताया जाता है कि इस शहर पर दाग लगाने वाले कोई और नहीं, बल्कि अजमेर दरगाह के खादिम थे, अमीर और सफेदपोश लोग थे, काफी प्रभावशाली लोग थे. उन्हें देखकर कोई ऐसा नहीं कह सकता था कि वो कोई अपराधि होंगे. समाजसेवी का चोला ओढ़े ये दरिंदे थे. शुरुआती दिनों में जब केस शुरू हुआ तो सिर्फ 8 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ था. हालांकि जांच बढ़ती गई और संख्या भी बढ़ती गई, जांच में 18 आरोपी पाए गए.


अजमेर के चिश्ती और परिवार का काला इतिहास


जिन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज हुआ, उन पर सूफी फकीर कहे जाने वाले ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती दरगाह की देखरेख में लगे हुए थे. वो सारे खुद को चिश्ती का वंशज मानते थे. उस वक्त उनका ऐसा रसूख था कि प्रशासन उनके खिलाफ कार्रवाई करने के पहले जरूर हिचकिचा रहा था.


आरोपियों में से एक ने खुदकुशी कर ली. वो दौर था जब फारूक चिश्ची यूथ कांग्रेस का नेता हुआ करता था और उसे मानसिक रूप से विक्षिप्त करार दे दिया गया. सुनवाई हुई, सजा हुआ, बरी हुए, सिलसिला चलता रहा.


खैर, मामला कितना संगीन और दर्दनाक था इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बीते वर्ष दिसंबर के महीने की बात है, जब राजस्थान के अजमेर एक गैंगरेप पीड़िता का गुस्सा भरे अदालत में फूट पड़ा. पीड़िता ने जज, वकीलों और अदालत में मौजूद आरोपियों पर चिल्लाते हुए बोला था, 'आप लोग मुझे अब भी बार-बार कोर्ट क्यों बुला रहे हो? 30 साल हो गए… मैं अब एक दादी हूं, मुझे अकेला छोड़ दो.' उसकी ये चीख सुन सारी अदालत सन्न रह गई.


फिर सवालों में अजमेर का चिश्ती!


अजमेर पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक सलमान चिश्ती अजमेर दरगाह का खादिम है. वो पहले भी आपराधिक घटनाओं में शामिल रहा है. चिश्ती पर पहले से ही 13 मामले दर्ज हैं. इनमें हत्या और हत्या की कोशिश करने जैसे मामले शामिल हैं. सलमान चिश्ती दरगाह थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है.


सूफी दरगाह का जिक्र करते हुए उसने वीडियो में कहा, 'आपको सभी मुस्लिम देशों को जवाब देना होगा. यह मैं राजस्थान के अजमेर से कह रहा हूं और यह संदेश हुजूर ख्वाजा बाबा के दरबार का है.' 


अजमेर दरगाह के खादिम सलमान चिश्ती को अबतक आप जान गए होंगे. अगर अब भी आप इसे नहीं पहचान पा रहे तो हम आपको याद दिला दें कि इसे नूपुर शर्मा के खिलाफ भड़काऊ बयान देने के आरोप में गिरफ्तार किया जा चुका है.


लेकिन सलमान चिश्ती की मुसीबतें खत्म होने का नाम नहीं हो रहीं या फिर आप ये भी कह सकते हैं कि सलमान चिश्ती ने विवादों से अपना नाता जोड़ लिया है.


वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस पर सवाल


वायरल वीडियो में पुलिसकर्मी सलमान चिश्ती से कहता दिख रहा है कि वो बोले कि वो नशे की हालत में है. ताकि उसे बचाया जा सके. इसके बाद राजस्थान पुलिस उससे पूछती है कि वो कौन से नशे में था, जब वीडियो बनाया? जवाब में चिश्ती कहता है- वो कोई नशा नहीं करता. फिर पुलिस कहती है कि बोल नशे में था.


कथित तौर पर सलमान चिश्ती और राजस्थान पुलिस के इस वीडियो को बीजेपी नेता अमित मालवीय ने ट्विटर पर शेयर किया है. अमित मालवीय का दावा है कि राजस्थान पुलिस सलमान चिश्ती को बचाने की कोशिश कर रही है.



नूपुर शर्मा का गला काटने वाले को घर देने का वीडियो वायरल होने के बाद अजमेर पुलिस ने एक शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज किया था. कड़ी तलाशी के बाद विशेष पुलिस टीम की मदद से सलमान चिश्ती को गिरफ्तार किया गया. पुलिस सलमान से इस केस को लेकर सवाल करेगी, लेकिन नये वीडियो ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. आरोपी डीएसपी के खिलाफ कार्रवाई कर दी गई है. 


वहीं सलमान चिश्ती की गिरफ़्तारी के मामले में डीएसपी संदीप सारस्वत को हटा दिया गया है. सलमान चिश्ती को नशे में होने की सलाह देने वाला वीडियो वायरल हुआ था. जिसके बाद इस मामले में कार्रवाई हुई है और डीएपसी संदीप सारस्वत को हटा दिया गया है.


अजमेर दरगाह कमेटी ने पेश की सफाई


इन सब के बीच अजमेर दरगाह कमेटी ने बयान जारी किया है. दरगाह कमेटी के सदर सैयद शाहिद हुसैन रिजवी ने कहा है कि चिश्ती सरनेम का इस्तेमाल करने वाले कुछ लोग भडकाऊ बयान दे रहे हैं और ये चिश्तिया सिलसिले की रवायत के खिलाफ है.


अजमेर की दरगाह कमेटी सलमान चिश्ती और इनके जैसे भड़काऊ बयान देने वालों के ना सिर्फ खिलाफ है. एजेंसियों से ऐसे खादिमों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की भी गुजारिश की है. ऐसे ही खादिम और चिश्तियों की वजह से अजमेर और दरगाह पर कालिख पुतती है, 1992 से 2022 तक.. ये कहानी किसी सबक से कम नहीं है.


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