नई दिल्ली. अयोध्या में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंदिर बनवाए जाने की खबर पर सोशल मीडिया पर जमकर प्रतिक्रियाएं दी जा रही हैं. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने भी इस खबर को शेयर कर तंज किया है. योगी के मंदिर से जुड़ी खबर की सूचना देते एक ट्वीट की तस्वीर शेयर कर अखिलेश यादव ने तंज भरे लहजे में कहा है- 'ये तो उनसे भी दो क़दम आगे निकले… अब सवाल ये है कि पहले कौन?'


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हालांकि योगी आदित्यनाथ पहले नेता नहीं हैं जिनका मंदिर बनवाया गया है. दक्षिण भारत में नेताओं के प्रति लोगों की निष्ठा के कई उदाहरण मिलते हैं. केंद्रीय राजनीति की बात करें तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहले सोनिया गांधी और दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का भी मंदिर बनाया जा चुका है. लेकिन इन सबसे इतर अगर समाजवादी पार्टी की बात करें तो अखिलेश यादव के पिता और यूपी के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव का भी मंदिर बनाया जा चुका है.



2015 में मुलायम के मंदिर निर्माण की खबरें आई थीं सामने
साल 2015 में मुलायम सिंह यादव का रायबरेली में मंदिर बनाए जाने की खबरें प्रकाश में आई थीं. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रायबरेली में एक सपा समर्थक ने मुलायम सिंह यादव का मंदिर बनवाया. वह सुबह शाम उनकी पूजा करता और उन्हें भगवान का अवतार मानता है.


सपा सरकार बनवाने के लिए मांगी थी मन्नत
मुलायम का यह मंदिर रायबरेली रोड पर बछरावां के पास बना. रिपोर्ट में तब कहा गया था कि मंदिर बनवाने वाले राम बाबू यादव मुलायम सिंह यादव के बड़े प्रशंसक हैं. उन्होंने कहा था-जब 2007 में बसपा की सरकार बनी थी तो हम लोगों को बहुत परेशानी हुई. मैंने मन्नत मांगी कि मुलायम जीते तो मैं मंदिर बनवाउंगा. 2012 में सपा की जीत के बाद मंदिर निर्माण का काम शुरू हुआ था.


पहले मंदिर के लिए मना भी किया
साल 2012 की एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मुलायम सिंह यादव के एक अन्य मंदिर को लेकर पार्टी ने मनाही कर दी थी. तब अखिलेश यादव के निर्देश पर मुलायम सिंह यादव का मंदिर बनाने से मना कर दिया गया था. तब कहा गया था कि मंदिर का निर्माण पार्टी की विचारधारा के विपरीत है. लेकिन फिर बाद में रायबरेली से मुलायम के नाम पर मंदिर की खबरें सामने आई थीं.


कहां बना योगी का मंदिर
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मंदिर अयोध्या-गोरखपुर हाइवे के किनारे भरतकुंड के पास बनाया गया है. यही वही भरतकुंड है जहां भगवान राम के वनवास के समय उनके भाई भरत ने सिंहासन पर खड़ाऊं रखकर शासन किया था.  


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