नई दिल्ली: समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ने वाले महान दल ने समर्थन वापस लेने का फैसला किया तो समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी एक्शन में आ गए. अखिलेश यादव ने केशव देव मौर्य को तोहफे में दी गई फार्च्यूनर कार वापस ले ली.


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अखिलेश के एक सलाहकार ने किया था फोन


महान दल के अध्यक्ष ने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान हमें तोहफे एक कार अखिलेश यादव ने दी थी. अखिलेश के एक सलाहकार ने फोन करके गाड़ी वापस करने की बात कही है. जिसके बाद तुरंत ही केशव देव ने गाड़ी वापस कर दी.


केशव देव मौर्य ने कहा कि उपहार दी हुई चीज अगर वापस की जाती है तो अखिलेश जी को कोई शादी, विवाह में बुलायेगा तो होशियार रहे कहीं गिफ्ट देने के बाद वापस न ले लें. कहा कि कार्यकर्ताओं की मेहनत का पैसा सुविधाओं के लिए नहीं उड़ाते. 'फार्च्यूनर गाड़ी समाजवादी पार्टी के नाम से रजिस्टर्ड है हम ने मना किया तो कहा गया, यह गठबंधन का गिफ्ट है आप अब इसी से चलेंगे.'


सपा से गठबंधन तोड़ने की क्या थी वजह?


उन्होंने कहा कि हमको केवल दो विधानसभा सीट दी गई जबकि हमने 13 विधानसभा सीटें मांगी थी. हम चुनाव तक शांत थे. केशव देव मौर्य ने कहा कि जब आठ विधानसभा सीट वाले को राज्यसभा भेजा जा सकता है. तो हमारे गठबंधन में हमें विधान परिषद सदस्य क्यों नहीं बनाया गया. लगातार उपेक्षा के चलते हमने सपा से गठबंधन तोड़ने का ऐलान किया है.


उधर सपा के प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी से इस बारे में पूंछा गया तो उन्होंने इस मामले की जानकारी न होने की बात कही.


बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के बाद राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव में हिस्सेदारी ना मिलने से खफा केशव देव मौर्य ने सपा से गठबंधन तोड़ने की बात कह कर कई तरह के आरोप भी लगाए. उन्होंने सपा से गठबंधन तोड़ने का एलान किया है.


सपा गठबंधन में महान दल को केवल दो सीटें मिली थीं. केशव की पत्नी और बेटे को सपा के चुनाव चिह्न साइकिल पर चुनाव लड़ाया गया था, लेकिन दोनों को चुनाव में हार का सामना करना पड़ा था.


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