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नई दिल्ली. कोरोना को भारत ने एक राष्ट्रीय आपदा के तौर पर लिया है. देश के हर राज्य में इस महामारी को टक्कर देने की तैयारी की जा रही है. चाहे वो दिल्ली हो, हरियाणा हो, महाराष्ट्र हो या गुजरात हो - सारे देश ने एक हो कर इस महामारी का सामना करने का फैसला किया है.



 


उत्तर प्रदेश में जारी हुए ख़ास दिशा 


उत्तर प्रदेश में कोरोना के 11 संदेहास्पद मामले देखे गए हैं जिनमे से 10 का ईलाज लखनऊ में किया जा रहा है और 1 का दिल्ली में उपचार चल रहा है.  यूपी की योगी सरकार ने एक विशेष दिशा-निर्देश जारी किया है. योगी सरकार ने प्रदेश के 24 मेडिकल कॉलेजों में  कोरोना के संदिग्धों के लिए 448 बर्थ आरक्षित करवा दिए हैं. हर मेडिकल कॉलेज में सैंपल जांच की सुविधा भी प्रदान की गयी है. प्रत्येक जिले में आइसोलेशन वॉर्ड निर्मित किया गया है. इसके अतिरिक्त 22 मार्च तक प्रदेश के सभी निजी और सरकारी स्कूल-कॉलेज बंद करने का आदेश भी प्रदेश सरकार ने जारी कर दिया है. 


महाराष्ट्र में कोरोना महामारी घोषित की गई 


महाराष्ट्र सरकार ने सिर्फ कोरोना के 17 मामले आने के बाद ही प्रदेश में कोरोना को महामारी घोषित कर दिया है. उद्धव सरकार ने खतरे की आशंका को समझ कर मुंबई, नवी मुंबई, पुणे, नागपुर और ठाणे में अगले आदेश तक सभी जिम, ऑडिटोरियम और स्विमिंग पूल बंद करा दिए हैं. सरकार ने सभी निजी और सरकारी शिक्षण संस्थानों को भी अगले आदेश तक बंद करा दिया है. हर तरह की स्पोर्ट्स की गतिविधियां भी रोक दी गई हैं. 



 


हरियाणा में भी बंद हुए शिक्षण संस्थान 


हरियाणा के कुछ जिलों में कोरोना वायरस के फैलने का अधिक खतरा माना जा रहा है. हरियाणा सरकार ने 31 मार्च तक  दिल्ली के अगल बगल के सभी अपने जिलों जैसे सोनीपत, रोहतक, झज्जर, फरीदाबाद और गुरुग्राम में सरकारी और निजी शिक्षण संस्थान बंद रखने का निर्णय लिया है.


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