`इंडिया` की दोस्ती के बीच ममता ने लगाए आरोप, बीजेपी के साथ मिले हैं CPM-कांग्रेस
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के संबंध में कांग्रेस-सीपीएम पर दोहरे मानदंडों का रास्ता अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, `हम भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस और सीपीएम पश्चिम बंगाल में भाजपा को ऑक्सीजन प्रदान कर रही हैं.`
कोलकाता. 2024 लोकसभा चुनाव के मद्देनजर केंद्र में मोदी सरकार के खिलाफ मजबूत विपक्ष तैयार करने की कवायद जारी है. इसी क्रम में बीते दिनों बेंगलुरु में हुई बैठक में विपक्षी गठबंधन ने नया नाम 'इंडिया' अपनाया है. लेकिन इन सबके बीच राज्यों में विपक्षी पार्टियों के बीच खींचतान जारी है. अब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ममता बनर्जी ने कांग्रेस और CPM पर राज्य में भाजपा के साथ 'गुप्त समझौता' करने का आरोप लगाया है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के संबंध में कांग्रेस-सीपीएम पर दोहरे मानदंडों का रास्ता अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, 'हम भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर एकजुट होने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस और सीपीएम पश्चिम बंगाल में भाजपा को ऑक्सीजन प्रदान कर रही हैं.'
भाजपा, कांग्रेस और सीपीएम के बीच गुप्त समझौता
मुख्यमंत्री ने पश्चिम बंगाल के आदिवासी बहुल झारखंड में अंतर्राष्ट्रीय स्वदेशी दिवस के अवसर पर आयोजित एक समारोह में कहा कि राज्य में भाजपा, कांग्रेस और सीपीएम के बीच गुप्त समझौता है. वे चुपचाप पश्चिम बंगाल में भाजपा से हाथ मिला रहे हैं. उन्हें खुद पर शर्म आनी चाहिए. न्यूनतम राजनीतिक ईमानदारी होनी चाहिए. प्रत्येक पार्टी को राजनीतिक विचारधारा की एक निश्चित लाइन का पालन करना चाहिए. अगर वे इस रणनीति को जारी रखते हैं, तो मैं यह कहने के लिए मजबूर हो जाऊंगी कि टीएमसी भी पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और भाजपा के खिलाफ है.
टीएमसी पर हमला बोलते रहे हैं अधीर
बता दें कि बंगाल कांग्रेस प्रमुख और अनुभवी लोकसभा सांसद अधीर रंजन चौधरी भी भ्रष्टाचार को लेकर तृणमूल सरकार पर हमला बोलते रहे हैं. मुख्यमंत्री ने समान नागरिक संहिता (यूसीसी) को लेकर भी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि यूसीसी देश में संवैधानिक प्रावधानों और संघीय लोकतंत्र की व्यवस्था के खिलाफ है. देश में रहने वाले विभिन्न समुदायों के बीच विविध रीति-रिवाज हैं, सभी को एक ही दायरे में नहीं लाया जा सकता.
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