नई दिल्ली. विपक्ष मणिपुर में हो रही हिंसा के बीच वायरल हुए नग्न औरतों के वीडियो को लेकर बीजेपी पर हमलावर है. अब कुछ दिन पहले बंगाल में हुई इसी तरह की घटना के एक वीडियो को बीजेपी की आईटी सेल के मुखिया और राज्य के इंचार्ज अमित मालवीय ने अपने ट्वीटर हैंडल से शेयर किया है. उन्होंने ममता बनर्जी पर सीधा निशाना साधा है.  


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मालदा का है वीडियो
मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक बंगाल के मालदा जिले में कुछ दिन पहले दो आदिवासी औरतों पर हिंसा कर उन्हें नग्न किया गया. इस दर्दनाक हादसे की वीडियो क्लिप मणिपुर के वायरल हुए दो वीडियो के बाद मचे हंगामे के बीच आई है. 


वीडियो क्लिप की डिटेल देते हुए मालवीय ने लिखा है, 'बंगाल में लगातार हिंसा जारी है. मालदा जिले पखुआहाट इलाके में दो आदिवासी औरतों पर अत्याचार होता है. उन्हें निर्वस्त्र किया जाता है और पुलिस मूकदर्शक बनी देखती रहती है. यह इलाका बमनगोला पुलिस स्टेशन के अंदर आता है.' 


ममता बनर्जी पर निशाना
मालवीय ने लिखा है, 'इस दर्दनाक घटना से ममता बनर्जी का ह्रदय तार तार हो जाना चाहिए वह केवल सीएम ही नहीं राज्य की होम मिनिस्टर भी हैं. उन्हें चिल्लाने की जगह इस संवेदनशील मामले में तुरंत एक्शन लेना चाहिए.' 


मालवीय ने लिखा है कि सीएम ममता बनर्जी ने इस घटना को लेकर कुछ नहीं किया. न तो इस दर्दनाक हादसे की निंदा की और न ही कुछ एक्शन लिया. दरअसल अगर वह ऐसा करतीं तो उनके राज्य की पोल खुल जाती.  


वीडियो में क्या
बीजेपी आईटी सेल के मुखिया मालवीय ने ट्वीटर में लिखा है कि यह घटना मालदा के पकुहट इलाके में सुबह 19 जुलाई को घटी. समाज के पिछड़े वर्ग से आने वाली दो आदिवासी औरतों पर खून की प्यासी हिंसक भीड़ हमला करती है. वीडियो में साफ नजर आ रहा है कि दो औरतों को भीड़ ने पहले मारा पीटा और फिर उन्हें निर्वस्त्र कर छोड़ दिया. शरीर पर कई जख्म भी नजर आ रहे हैं. 


मणिपुर के एक ब्लॉग में दावा, किसी ने नहीं की ऑफिशियल कंप्लेन
मणिपुर के एक ब्लॉग नॉर्थ ईस्ट इंडिया में दावा किया गया है कि मणिपुर के जिस वीडियो को लेकर पूरे देश में हंगामा मच गया है उसकी अब तक कोई आधिकारिक शिकायत नहीं हुई है. हालांकि पुलिस अपनी तरह से जांच कर रही है. 


सीपीआईएम ने कहा मणिपुर की तुलना मालदा ने करें
सीपीआईएम के लीडर वृंदा करात ने इस क्लिप के वायरल होने पर कहा है कि मणिपुर की घटना बंगाल के मालदा से नहीं की जानी चाहिए. देश के किसी भी कोने में महिलाओं, पिछड़े वर्ग, वंचित वर्ग के साथ इस तरह की घटना घटती है तो वह निंदनीय है. बंगाल की घटना निंदनीय है. यह उदाहरण है कि राज्य में कानून नाम की चीज नहीं है.


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