नई दिल्ली. संसद के शीतकालीन सत्र में मंगलवार को तृणमूल कांग्रस के एक सांसद टिप्पणी पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नाराजगी जाहिर की. दरअसल जम्मू कश्मीर से जुड़े दो विधेयकों पर लोकसभा में चर्चा के दौरान टीएमसी के वरिष्ठ सांसद सौगत रॉय की टिप्पणी पर भड़के अमित शाह ने उनसे सवाल पूछा कि 'एक देश में दो प्रधानमंत्री, दो संविधान और दो झंडे कैसे हो सकते हैं?' लोकसभा में मंगलवार को जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक - 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक- 2023 पर चर्चा के दौरान तृणमूल कांग्रेस की तरफ से बोलते हुए पार्टी के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने यह टिप्पणी कर दी कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का स्लोगन 'एक प्रधान, एक विधान, एक निशान' पॉलिटिकल स्लोगन था.


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अमित शाह ने तुरंत जताया ऐतराज
सीनियर टीएमसी नेता की इस टिप्पणी पर गृह मंत्री ने तुरंत ऐतराज जताया. शाह ने तुरंत लोकसभा में खड़े होकर कहा-यह बहुत ऑब्जेक्शनेबल है. एक देश में 'एक निशान, एक प्रधान और एक संविधान' को यह पॉलिटिकल स्टेटमेंट बता रहे हैं. मुझे लगता है कि दादा उम्र हो चुकी है आपकी.


'आपकी सहमति-असहमति से क्या होता है'
गृह मंत्री ने आगे कहा-एक देश में दो प्रधानमंत्री कैसे हो सकते हैं, एक देश में दो संविधान कैसे हो सकते, एक देश के दो झंडे कैसे हो सकते हैं ? यह गलत था, जिन्होंने भी यह किया था, गलत किया था. नरेंद्र मोदी ने इसे सुधारने का काम किया है. आपकी सहमति-असहमति से क्या होता है, पूरा देश यह चाहता था. यह चुनावी नारा नहीं है. हम 1950 से कह रहे थे कि देश में 'एक निशान, एक विधान और एक प्रधान' होना चाहिए दो नहीं चलेंगे और हमने कर भी दिया.


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