नई दिल्लीः जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हुए कर्नल मनप्रीत सिंह, मेजर आशीष धोनैक और डीएसपी हुमायूं भट अपने पीछे हंसता खेलता परिवार छोड़ गए. तीनों ही अधिकारियों के छोटे-छोटे बच्चे थे. डीएसपी हुमायूं भट की तो महज दो महीने की बेटी थी. उनकी पिछले साल ही शादी हुई थी. उनके परिवार को रो-रोकर बुरा हाल है. वह पूर्व डीआईजी गुलाम हसन भट के बेटे थे और मूल रूप से पुलवामा जिले के त्राल इलाके के रहने वाले थे. 


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आतंकियों से लोहा लेने के दौरान घायल हुए जम्मू कश्मीर पुलिस में डीएसपी हुमायूं भट की ज्यादा खून बहने से जान चली गई थी. उनके शव को बुधवार देर रात बडगाम के हुम्हामा में सुपुर्द-ए-खाक किया गया. 


कर्नल मनप्रीत की हैं दो साल की बेटी
इस अभियान को लीड कर रहे कर्नल मनप्रीत सिंह आतंकियों की ओर से की गई गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए थे. राष्ट्रीय रायफल्स में कमांडिंग ऑफिसर मनप्रीत पंचकूला के सेक्टर 26 के रहने वाले थे. उनकी पत्नी जगमीत ग्रेवाल हरियाणा में सरकारी स्कूल में लेक्चरार हैं. उनका एक छह साल का बेटा और एक दो साल की बेटी हैं. शहीद कर्नल के पार्थिव शरीर का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा.


पानीपत में रहता है मेजर आशीष का परिवार
आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद हुए मेजर आशीष धौनेक तीन बहनों के इकलौते भाई थे. उनकी दो साल पहले ही मेरठ से जम्मू में पोस्टिंग हुई थी. पानीपत के सेक्टर 7 में मेजर का परिवार रहता है. उनकी दो साल की बेटी है. उन्हें इस साल सेना मेडल से भी सम्मानित किया गया था.


कोकेरनाग में बुधवार को हुई थी मुठभेड़
बता दें कि अनंतनाग जिले के कोकेरनाग में बुधवार को आतंकवादियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में तीनों अधिकारी शहीद हुए जबकि एक जवान लापता है. पुलिस और सुरक्षाबलों की संयुक्त टीम ने कोकेरनाग में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के बाद सर्च ऑपेशन शुरू किया था. आतंकियों ने खुद को सुरक्षाबलों से घिरा देखा तो उन पर फायरिंग कर दी.


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