अलका राय ने मुख्तार अंसारी के साथ मिलकर किया था एम्बुलेंस कांड, पकड़ाया एक और सरगना
मुख्तार अंसारी से जुड़े फर्जी एम्बुलेंस मामले में एक और आरोपी गिरफ्तार हुआ है. इसका नाम आनंद यादव है जो 25 हजार का इनामी था.
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश की मऊ सदर सीट से बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के जुड़े फर्जी एम्बुलेंस मामले में वांछित 25 हजार के इनामी आनंद यादव को पुलिस ने बुधवार को क्षेत्र के फैजाबाद रोड से गिरफ्तार कर लिया, इस मामले में दो आरोपी अभी तक फरार चल रहे हैं.
पकड़ा गया एक और आरोपी
पुलिस ने बताया कि मामले में तीन आरोपी पहले से ही जेल जा चुके हैं जबकि फरार अन्य तीन आरोपियों आनंद यादव, मुजाहिद और शाहिद के खिलाफ पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने 25 हजार रूपये का इनाम घोषित किया था. इनमें एक आरोपी आनंद यादव को बुधवार को शहर कोतवाली पुलिस टीम को फैजाबाद रोड पर गिरफ्तार करने में कामयाबी मिली है.
पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बताया कि इस मामले के फरार अन्य आरोपियों की भी पुलिस तलाश कर रही है.
पुलिस के अनुसार, आनंद यादव ने पूछताछ के दौरान इस साजिश में और भी लोगों के शामिल होने की बात कबूली है. जानकारी के मुताबिक, आनंद ने सभी के नाम पुलिस को बता दिए हैं. ऐसे में पुलिस इन सभी लोगों को आरोपी बना सकती है.
एंबुलेंस से हथियारों की तस्करी
पुलिस अधीक्षक प्रसाद ने बताया कि ऐसी जानकारी मिली है कि इस एंबुलेंस से हथियारों की तस्करी भी की गई. इसके अलावा, एम्बुलेंस के मामले में कई अन्य लोगों के नाम सामने आ रहे हैं, जितने भी लोगों के नाम उजागर हो रहे हैं उनके खिलाफ मामला दर्ज कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
गौरतलब है कि जबरन वसूली के एक मामले में बसपा विधायक मुख्तार अंसारी को गत 31 मार्च को पंजाब के मोहाली स्थित अदालत में पेश किया गया था. अंसारी को जिस एम्बुलेंस से लाया गया था उस पर बाराबंकी की नंबर प्लेट लगी थी.
पुलिस ने जांच में क्या पाया?
जब पुलिस ने जांच की तो पाया कि मऊ के श्याम संजीवनी हॉस्पिटल की संचालिका अलका राय तथा उनके कुछ सहयोगियों ने इस एम्बुलेंस का कथित फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पंजीकरण कराया है. इसके बाद बाराबंकी की नगर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया, जिसमें अंसारी को साजिश और जालसाजी का आरोपी बनाया गया था.
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बाराबंकी पुलिस का कहना है कि डॉक्टर अलका राय, उनके सहयोगी डॉक्टर शेषनाथ राय, मुख्तार अंसारी, मुजाहिद, राजनाथ यादव और अन्य ने आपराधिक षड्यंत्र के तहत एंबुलेंस के पंजीकरण के लिए कूटरचित कागजात तैयार किए थे.
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