सोशल मीडिया की शिकायतों के लिए तीन महीने में बनेगा अपीलीय ढांचा, सरकार ने किया ऐलान
सोशल मीडिया मंचों पर उपलब्ध सामग्रियों एवं अन्य मुद्दों को लेकर दर्ज शिकायतों का संतोषजनक निपटारा करने के लिए सरकार ने शुक्रवार को आईटी नियमों में बदलाव करते हुए तीन महीने में अपीलीय समितियों का गठन की घोषणा की है. ये समितियां मेटा और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा सामग्री के नियमन के संबंध में किए गए फैसलों की समीक्षा कर सकेंगी.
नई दिल्ली: मौजूदा समय में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म हमारी रोज की जिंदगी का एक जरूरी हिस्सा बन चुके हैं. जानकारी हासिल करना हो, या फिर कोई न्यूज जानना हो या फिर मनोरंजन करना हो ये सब हम ज्यादातर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के जरिए से ही करते हैं. लेकिन कई बार ऐसा देखने को मिलता है जब सोशल मीडिया पर मौजूद किसी कंटेंट से हमको समस्या होती है. ऐसी स्थिति में कई बार शिकायत करने के लिए हमारे पास एक सही प्लेटफॉर्म नहीं होता है.
सरकार बनाएगी अपीलीय प्लेटफॉर्म
सोशल मीडिया मंचों पर उपलब्ध सामग्रियों एवं अन्य मुद्दों को लेकर दर्ज शिकायतों का संतोषजनक निपटारा करने के लिए सरकार ने शुक्रवार को आईटी नियमों में बदलाव करते हुए तीन महीने में अपीलीय समितियों का गठन की घोषणा की है. ये समितियां मेटा और ट्विटर जैसी सोशल मीडिया कंपनियों द्वारा सामग्री के नियमन के संबंध में किए गए फैसलों की समीक्षा कर सकेंगी.
आज जारी हुई अधिसूचना
शुक्रवार को जारी गजट अधिसूचना के मुताबिक तीन महीने के भीतर 'शिकायत अपीलीय समितियां' गठित कर दी जाएंगी. इन अपीलीय समितियों के गठन के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश एवं डिजिटल मीडिया नीति संहिता) नियम, 2021 में कुछ फेरबदल किए गए हैं. अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम, 2022 के लागू होने की तारीख से तीन महीने के भीतर अधिसूचना द्वारा एक या अधिक शिकायत अपीलीय समितियों का गठन करेगी.
मंत्री अश्विनी वैष्णव ने किया ट्वीट
संशोधनों को अधिसूचित किए जाने के बाद आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने ट्वीट किया, ''उपयोगकर्ताओं का सशक्तिकरण. मध्यस्थ द्वारा नियुक्त शिकायत अधिकारी के फैसलों के खिलाफ अपील की सुनवाई के लिए शिकायत अपीलीय समितियों (जीएसी) की शुरुआत की गई है.''
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ''गोपनीयता नीति और उपयोगकर्ता समझौतों को आठ अनुसूचित भारतीय भाषाओं में उपलब्ध कराया जाएगा.'' प्रत्येक समिति में एक चेयरपर्सन और केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त दो पूर्णकालिक सदस्य होंगे. इनमें से एक पदेन सदस्य होगा और दो स्वतंत्र सदस्य होंगे. अधिसूचना के मुताबिक शिकायत अधिकारी के निर्णय से असहमत कोई भी व्यक्ति, शिकायत अधिकारी से सूचना मिलने से तीस दिनों के भीतर अपीलीय समिति में शिकायत कर सकता है.
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