नई दिल्ली: थलसेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने गुरुवार को कहा कि चीन से सटी सीमा पर हालात 'स्थिर' हैं, लेकिन 'कुछ कहा नहीं जा सकता' और किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त संख्या में भारतीय सैनिकों की तैनाती की गई है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

भारतीय सेना की तैयारी का स्तर 'बहुत उच्च' है
सेना दिवस से पहले दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जनरल पांडे ने यह भी कहा कि वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तैनात सैनिक, विरोधी के किसी भी नापाक मंसूबे को दृढ़ता से नाकाम करने के लिए मजबूत स्थिति बनाए रखने में सफल रहे हैं.


थलसेना प्रमुख ने जोर देकर कहा कि एलएसी पर भारतीय सेना की तैयारी का स्तर 'बहुत उच्च' है और किसी भी स्थिति से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए प्रत्येक क्षेत्र में पर्याप्त बल तैनात किए गए हैं. उन्होंने कहा, 'हालात स्थिर और नियंत्रण में हैं, लेकिन कुछ कहा नहीं जा सकता. आप जारी वार्ता से अवगत हैं जहां हम सात में से पांच मुद्दों को हल करने में सफल रहे हैं और हम राजनयिक एवं सैन्य-दोनों स्तरों पर बातचीत जारी रखे हुए हैं.'


किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार
जनरल पांडे ने कहा, 'हमारी तैयारियों का स्तर बहुत ऊंचा है. हमने प्रत्येक क्षेत्र में किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त बल और साजो-सामान तैनात किए हैं.' थलसेना प्रमुख ने कहा कि कुछ समय पहले सैनिकों का किया गया 'रणनीतिक पुनर्संतुलन' पूरा हो चुका है.


आर्मी चीफ ने कहा, 'हम एक बहुत मजबूत रक्षात्मक स्थिति बनाए रखने में सक्षम रहे हैं और अपने विरोधी द्वारा यथास्थिति को एकतरफा ढंग से बदलने के किसी भी प्रयास को मजबूती तथा दृढ़ तरीके से रोकने में सक्षम रहे हैं.'


पूर्वी लद्दाख में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच 32 महीने से जारी सैन्य गतिरोध के बीच उनकी यह टिप्पणी आई है. अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में यांग्त्से में एलएसी पर नौ दिसंबर को दोनों पक्षों के सैनिकों के बीच झड़प के बाद भारत तथा चीन के बीच तनाव में और वृद्धि हुई है. जनरल पांडे ने कहा कि उत्तरी सीमा पर चीनी पक्ष की ओर से सैनिकों की तैनाती उसी तरह से जारी है और क्षेत्र में भारतीय सैनिकों की संख्या भी उसी तरह की है.


डोकलाम की स्थिति के बारे में क्या बोले आर्मी चीफ?
उन्होंने कहा, 'हमारी पूर्वी कमान के सामने (चीनी) सैनिकों की संख्या में मामूली वृद्धि हुई है. हम कड़ी नजर रखे हुए हैं.' सेना की पूर्वी कमान का मुख्यालय कोलकाता में है और अरुणाचल प्रदेश तथा सिक्किम में एलएसी की सुरक्षा का दायित्व इस कमान पर है. डोकलाम की स्थिति के बारे में पूछे जाने पर जनरल पांडे ने कहा कि क्षेत्र में सभी गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है.


जम्मू-कश्मीर में हालात का जिक्र करते हुए जनरल पांडे ने कहा कि फरवरी 2021 में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर संघर्षविराम को लेकर बनी सहमति पर अमल जारी है. हालांकि, उन्होंने कहा कि आंतकवाद और आतंकवादी ढांचे को सीमा पार से समर्थन अब भी बरकरार है. पूर्वोत्तर की स्थिति पर उन्होंने कहा कि क्षेत्र के अधिकतर राज्यों में शांति लौट आई है.


थलसेना प्रमुख ने यह भी कहा कि महिला कर्मियों को सेना की ‘आर्टिलरी’ इकाइयों में शामिल करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है और उम्मीद है कि इसे स्वीकार कर लिया जाएगा. जनरल पांडे ने कहा कि सेना ने फैसला किया है कि 2023 परिवर्तन का वर्ष होगा और बल ने कुछ ठोस परिणामों के लिए एक विशिष्ट रोडमैप तैयार किया है.


उन्होंने कहा, 'यह प्रक्रिया चालू वर्ष से परे जारी रहेगी.' यह पूछे जाने पर कि क्या यूक्रेन पर रूसी आक्रमण ने एलएसी के साथ भारत की सुरक्षा चुनौतियों में नयी जटिलताएं पैदा की हैं क्योंकि यह चीन को आक्रामक तेवर अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर सकता है, उन्होंने कहा कि अभियानगत, रणनीतिक और सामरिक स्तरों पर एक विस्तृत विश्लेषण किया गया है. यूक्रेन संघर्ष के प्रभाव पर एक सवाल के जवाब में थलसेना प्रमुख ने कहा कि आपूर्ति पर असर पड़ा है लेकिन उनका बल इस चुनौती से पार पा लेगा.
(इनपुट: भाषा)


इसे भी पढ़ें- बासमती चावल की खुशबू को रखना होगा बरकरार, सरकार ने बनाए ये नियम



Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.