अर्पिता की अलमारियां, जिसमें छिपे हैं राज! उन्हें भी खोलने की नहीं थी इजाजत
अर्पिता मुखर्जी ने बताया है कि मेरी गैरमौजूदगी में मेरे घर में पैसे जमा किए जाते थे. इस दौरान उन्होंने एक बड़े राज से पर्दा हटाया है, उन्होंने अपनी आलमारी को लेकर कई खुलासे किए हैं.
नई दिल्ली: करोड़ों रुपये के पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) भर्ती अनियमितताओं के घोटाले की मुख्य आरोपियों में से एक अर्पिता मुखर्जी ने मंगलवार को दावा किया कि उनके दो आवासों से भारी मात्रा में जो नकदी बरामद की गई, वह उनकी गैरमौजूदगी में और उनकी जानकारी के बिना जमा किए जाते थे.
अर्पिता मुखर्जी ने मीडिया से क्या कहा?
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा नियमित जांच के लिए कोलकाता के दक्षिणी बाहरी इलाके जोका में ईएसआई अस्पताल लाए जाने के दौरान मुखर्जी ने मीडिया से कहा, 'वसूली की गई राशि मेरी अनुपस्थिति में और मेरी जानकारी के बिना फ्लैटों में खड़ी थी.'
बंगाल के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी को भी इसी उद्देश्य से मंगलवार सुबह अस्पताल लाया गया था.
'आवास में कई डुप्लिकेट चाबियां थीं'
अर्पिता मुखर्जी ने 20 जुलाई को ईडी के अधिकारियों को सूचित किया था कि कोलकाता के उत्तरी बाहरी इलाके में बेलघरिया में उनके आवास में कई डुप्लिकेट चाबियां थीं, जिनका उपयोग उनकी अनुपस्थिति में कई अन्य लोग किया करते थे.
उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके पास उस अलमारी को खोलने की अनुमति नहीं थी, जहां नकदी का स्टॉक था और यहां तक कि ये फ्लैट आधिकारिक तौर पर उनके नाम पर होने के बावजूद उन कमरों में जाने की उन्हें अनुमति नहीं थी, जहां अवैध धन रखे गए थे.
अर्पिता मुखर्जी के लिए आसान नहीं था ये
इस बीच अर्पिता मुखर्जी के बयानों पर सियासी कीचड़ उछाला जाने लगा है. पश्चिम बंगाल भाजपा के प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने कहा कि अपराध के पैटर्न से यह स्पष्ट है कि अर्पिता मुखर्जी के लिए इतने बड़े पैमाने पर वित्तीय गबन का आयोजन करना संभव नहीं था.
उन्होंने कहा, "घोटाले में अर्पिता की जो भी भूमिका है, वह सिर्फ एक मोहरे की है. इसी तरह, पार्थ चटर्जी घोटाले में शामिल अकेले नहीं थे."
सुजान चक्रवर्ती ने क्या कहा?
इसी तरह, माकपा केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती ने कहा : 'शुरू से ही हम कह रहे थे कि अर्पिता मुखर्जी के स्वामित्व वाले फ्लैटों का इस्तेमाल अपराध की आय के लिए पार्किं ग स्लॉट के रूप में किया जाता था, जहां न केवल पार्थ चटर्जी, बल्कि राज्य सरकार में कई अन्य लोग थे. और सत्तारूढ़ दल शामिल हैं. अब ईडी को उसी खोजी आक्रामकता के साथ जारी रखना चाहिए जो वह अभी प्रदर्शित कर रहा है.'
तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि 23 जुलाई को गिरफ्तारी के बाद से इतने दिनों तक चुप रहने के बाद भी इस तरह की टिप्पणियां निराधार हैं. उन्होंने कहा, कानून अपना काम करेगा.
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