नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रशासनिक अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार से संबंधित केंद्र सरकार के बिल को राज्यसभा में नामंजूर कराने की कवायद में जुटे हैं. इस सिलसिले वह बुधवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव से मिले हैं. उन्होंने आप का साथ देने का वादा किया है.


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जानिए क्या बोले केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली के लोगों ने लंबा संघर्ष किया. वोट डालकर सरकार को चुना और उम्मीद करते हैं की उनकी जरूरतें पूरी हों. 2015 में हमारी सरकार बनी. 2 महीने बाद मोदी सरकार ने हमारी पावर छीन ली. उसके बाद भी हम भारी बहुमत से जीते. क्योंकि जनता हमारे साथ थी. लेकिन फिर से हमारे खिलाफ राजनीति की गई. हमारी सरकार फिर से बनते ही केंद्र सरकार ने अधिकारियों को विनियमित करने की शक्ति हमसे छीन ली. बाद में हम 8 साल बाद फिर जीते.


सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था फैसला
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की बेंच ने हमारे पक्ष में फैसला दिया है. जिसके तहत चुनी हुई सरकार के पास ही प्रशासनिक शक्तियां रहेंगी पर मोदी सरकार ने अध्यादेश लाकर दिल्ली सरकार की शक्तियां छीन ली. संसद के अंदर जब अध्यादेश आएगा, तो लोकसभा में जरूर पास हो जाएगा लेकिन राज्यसभा में भाजपा के पास बहुमत नहीं है. दिल्ली के 2 करोड़ लोगों की तरफ से अखिलेश यादव का शुक्रिया. उन्होंने हमारा साथ देने का भरोसा दिया है. हमने अखिलेश यादव से समर्थन मांगा है कि अगर राज्यसभा में भाजपा सरकार द्वारा लगाया गया अध्यादेश गिर गया तो 2024 के लिए एक मजबूत संदेश जाएगा.


अखिलेश ने दिया ये बयान
इस मौके पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, दिल्ली का अध्यादेश अलोकतांत्रिक है. अरविंद केजरीवाल को समाजवादी पार्टी का पूरा समर्थन है. भाजपा अच्छे काम को बिगाड़ने का काम कर रही है. पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, ये लड़ाई दिल्ली के लोगों की नहीं, बल्कि 140 करोड़ लोगों की है. राज्यपाल के जरिये सरकार को परेशान किया जाता है. इलेक्टेड और सेलेक्टेड में लोगों को फर्क करना पड़ेगा. उत्तर प्रदेश के कई लोग दिल्ली में रहते हैं. पंजाब में हमारी सरकार को परेशान किया जा रहा है. राज्यपाल भी लगातार हमें परेशान करते हैं. लोकतंत्र की लड़ाई में अखिलेश यादव हमारे साथ हैं.


जानिए क्या है मामला
गौरतलब हो कि दिल्ली के ट्रांसफर-पोस्टिंग केस में केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल को अब तक 9 पार्टियों का समर्थन मिल चुका है. इससे पहले अरविंद केजरीवाल पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के सीएम नीतीश कुमार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, तमिलाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन, तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चीफ शरद पवार और महाराष्ट्र के पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे सहित कई नेताओं से मिल चुके हैं.


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