अन्ना के लेटर पर केजरीवाल का जवाब, `मुझे निशाना बनाने के लिए बीजेपी कर रही इस्तेमाल`
केजरीवाल ने पत्र का जवाब देते हुए कहा, `जब सीबीआई को आबकारी नीति में कुछ नहीं मिला, तो उन्होंने उन्हें (अन्ना हजारे) सामने रखा है.`
नई दिल्ली. वरिष्ठ समाज सुधारक और भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अन्ना हजारे द्वारा मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखे जाने के कुछ घंटों बाद उन्होंने (केजरीवाल ने) दावा किया कि भाजपा हजारे को उन्हें निशाना बनाने के लिए इस्तेमाल कर रही है. केजरीवाल ने मीडिया से कहा, 'जब जनता उनकी (भाजपा) नहीं सुनती, तो उन्होंने किसी को आगे कर दिया. पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान, उन्होंने कुमार विश्वास को आगे कर दिया था, जिन्होंने मुझ पर आतंकवादी होने का आरोप लगाया था.'
केजरीवाल ने पत्र का जवाब देते हुए कहा, 'जब सीबीआई को आबकारी नीति में कुछ नहीं मिला, तो उन्होंने उन्हें (अन्ना हजारे) सामने रखा है.' मंगलवार को मनीष सिसोदिया के बैंक लॉकर की सीबीआई तलाशी पर केजरीवाल ने कहा कि उनके डिप्टी को एक तरह से क्लीन चिट मिल गई है क्योंकि लॉकर में कुछ भी नहीं मिला था.
'जांच एजेंसियों के सामने को रहना चाहिए तैयार'
केजरीवाल ने कहा, 'जब भी हम सार्वजनिक जीवन में कदम रखते हैं, हमें जांच एजेंसियों का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए. मनीष सिसोदिया के आवास पर 14 घंटे की छापेमारी के बाद कुछ भी नहीं मिला.' केजरीवाल ने कहा, 'मुझे लगता है कि सीबीआई के अधिकारी उन्हें गिरफ्तार कर सकते हैं क्योंकि सभी जांच राजनीति से प्रेरित हैं.'
भाजपा के आरोपों का दिया जवाब
उन्होंने सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण पर भाजपा के आरोपों का भी जवाब दिया. केजरीवाल ने कहा, 'वे पूछ रहे हैं कि हमने अतिरिक्त कक्षाओं का निर्माण क्यों किया? हमने बच्चों के पढ़ने के लिए कक्षाएं बनाई हैं. वे शौचालयों की संख्या पर भी सवाल उठा रहे हैं. हमने इसे इसलिए बनाया है ताकि हमारे छात्रों को परेशानी न हो.'
खत में अन्ना ने क्या कहा
समाज सुधारक और भ्रष्टाचार विरोधी कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने मंगलवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को एक पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने दिल्ली की आबकारी नीति की आलोचना करते हुए और सत्ता के नशे में चूर होने का आरोप लगाते हुए अपनी पुस्तक 'स्वराज' की कुछ पंक्तियों को याद दिलाया. केजरीवाल ने राजनीति में आने से पहले 2012 में 'स्वराज' पुस्तक लिखी थी. उन्होंने कहा, 'राजनीति में कदम रखने से पहले आपने 'स्वराज' किताब लिखी थी. उसकी प्रस्तावना मुझसे लिखवाई. आपने किताब में ग्रामसभा और शराब नीति का बखान किया था. आपने जो कुछ भी लिखा था, वह आपको याद दिलाना चाहता हूं. हजारे ने पत्र में आगे कहा, 'आपने किताब में काफी आदर्श बातें लिखी थी, और मुझे आपसे काफी उम्मीदें थीं.'
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