Delhi Government LG power Row: संघवाद पर प्रहार करने का सरकार पर आरोप लगाते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने मंगलवार को दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश की निंदा की और संसद में इसका विरोध करने के लिए आम आदमी पार्टी (आप) का समर्थन करने की घोषणा की.


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जल्द केजरीवाल से मुलाकात करेंगे सीताराम येचुरी


दिल्ली के मुख्यमंत्री एवं ‘आप’ संयोजक अरविंद केजरीवाल के यहां माकपा के कार्यालय में येचुरी से मुलाकात करने के बाद यह घोषणा की गई. येचुरी ने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से भी इस मामले पर ‘आप’ का समर्थन करने की अपील करते हुए कहा कि दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर अध्यादेश की घोषणा संविधान का ‘‘घोर उल्लंघन’’ है और यह ऐसे किसी भी राज्य में हो सकता है जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार नहीं है.


नष्ट किया जा रहा है भारत का संविधान


उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार संविधान के स्तंभों --- इसके संघीय ढांचे - पर हमला कर रही है, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि उसका न केवल “उल्लंघन” किया जा रहा है, बल्कि नष्ट भी किया जा रहा है.


बैठक के बाद येचुरी ने केजरीवाल के साथ कहा, ‘राज्यों के अधिकारों पर अनगिनत हमले हो रहे हैं और अध्यादेश लाकर अपनाया गया यह एक निर्लज्ज तरीका है. हम इसका विरोध करते हैं और जब भी हमें इसके खिलाफ मतदान करने का मौका मिलता है, हम करेंगे. मैं सभी राजनीतिक दलों से इस अध्यादेश के विरोध में आगे आने की अपील करता हूं. जिन पार्टियों ने अब तक इसकी निंदा नहीं की है, उन्हें समझ लेना चाहिए कि आज दिल्ली सरकार है, कल केरल, राजस्थान और अन्य जगहों पर जहां कांग्रेस की सरकार है या क्षेत्रीय दलों की सरकारों वाले राज्य हो सकते हैं. गैर-भाजपा सरकारों को अस्थिर करने के लिये मोदी सरकार किसी भी हद तक जा सकती है.’


असंवैधानिक है केंद्र का अध्यादेश


येचुरी ने कहा, ‘हम केंद्र द्वारा लाए अध्यादेश की निंदा करते हैं. यह असंवैधानिक है. हम सबसे बड़े विपक्षी दल कांग्रेस से हमारे संविधान को बचाने के लिए आगे आने की अपील करते हैं. राज्यसभा हो या कहीं भी, हम अध्यादेश का विरोध करेंगे.’


राज्यसभा में नजर नहीं आती विपक्षी एकता


केजरीवाल ने यह भी कहा कि जब अध्यादेश संसद में आता है, तो राज्यसभा में विपक्षी एकता इसे खारिज कर सकती है. उन्होंने कहा कि उन्होंने मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, शिवसेना नेता उद्धव ठाकरे और एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की है. आप का समर्थन नहीं करने पर कांग्रेस के राज्य नेताओं की राय के बारे में पूछे जाने पर केजरीवाल ने कहा कि अध्यादेश उनके बारे में नहीं है बल्कि पूरे देश और दिल्ली के लोगों के बारे में है.


उन्होंने कहा, ‘यह मुद्दा केजरीवाल का नहीं, इस देश की जनता का है. यह दिल्ली के लोगों के अपमान के बारे में है. मैं उनसे अपील करता हूं कि केजरीवाल को भूल जाएं, लेकिन दिल्ली की जनता के साथ खड़े रहें. उन्हें तय करना है कि वे भाजपा के साथ हैं या दिल्ली की जनता के साथ.’


जानें क्या है पूरा मामला


केंद्र ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और दानिक्स कैडर समेत ‘ग्रुप-ए’ के अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण बनाने के लिए 19 मई को एक अध्यादेश जारी किया था.


यह अध्यादेश सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली में निर्वाचित सरकार को पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से संबंधित मामलों को छोड़कर अन्य मामलों का नियंत्रण सौंपने के बाद लाया गया है. अध्यादेश की घोषणा के छह महीने के भीतर केंद्र को इसकी जगह संसद में एक विधेयक पेश करना होगा.


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