नई दिल्ली: Arvind Kejriwal and AAP: आम आदमी पार्टी के सुप्रीमो और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है. 21 मार्च, 2024 को CM केजरीवाल की गिरफ्तारी हुई थी. केजरीवाल को 51 दिन बाद राहत मिली है. वे 40 दिनों तक जेल में रहे थे. इन 40 दिनों में AAP और केजरीवाल की छवि काफी बदली है. राजनीतिक रूप से AAP को नफा भी हुआ है और नुकसान भी. आइए, जानते हैं कैसे?


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AAP और केजरीवाल को ये फायदे हुए


1. सुनीता केजरीवाल की एंट्री: अरविंद केजरीवाल के जेल जाने के बाद उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल का पॉलिटिकल डेब्यू हो गया है. केजरीवाल के जेल जाने से पहले वे सियासत से दूर थीं, लेकिन अब कल्पना सोरेन की तरह एक बड़ा पॉलिटिकल फिगर बन गई हैं. 31 मार्च को दिल्ली के रामलीला मैदान में इंडिया गठबंधन की मेगा रैली हुई थी. इसमें सुनीता केजरीवाल को सोनिया गांधी के पास बैठाया गया था. इन दिनों सुनीता दिल्ली में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के लिए वोट भी मांग रही हैं.


2. पार्टी में नहीं हुई बड़ी टूट: जब ये चर्चा होने लगी थी कि अरविंद केजरीवाल जेल जा सकते हैं, तब कयास लगाए जा रहे थे कि AAP में टूट हो सकती है. लेकिन ऐसा नहीं हुआ. AAP के टॉप लीडर्स जैसे अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह जेल में थे, लेकिन पार्टी ने लिटमस टेस्ट पास किया. इक्का-दुक्का विधायकों और पंजाब के एक सांसद के अलावा कोई बड़ी टूट नहीं हुई. दोनों राज्यों की सरकार सुरक्षित रही.


3. चुनाव केजरीवाल Vs मोदी हुआ: दिल्ली में लोकसभा चुनाव केजरीवाल वर्सेस मोदी हो गया. बीते दो लोकसभा चुनाव में AAP के नेता अरविंद केजरीवाल PM मोदी की छवि को टक्कर नहीं दे पा रह थे, लोग केजरीवाल को राष्ट्रीय स्तर का नेता नहीं मान रहे थे. लेकिन केजरीवाल की गिरफ्तारी के मुद्दे और आप के 'जेल का जवाब वोट' से कैंपेन ने मोदी के मुकाबले केजरीवाल को ला दिया है. 


AAP और केजरीवाल को हुए ये नुकसान


1. केजरीवाल की छवि पर डेंट: अरविंद केजरीवाल की छवि एक ईमानदार नेता के तौर पर पेश की जाती थी, जो अन्ना आंदोलन से उभरा और देश की राजनीति को बदलना चाहता है. लेकिन अब इस परसेप्शन को चोट पहुंची है. 


2. चुनाव प्रचार धीमा पड़ा: केजरीवाल और सिसोदिया जेल में थे. राघव चड्ढा विदेश में हैं. लिहाजा, पार्टी के पास संजय सिंह के अलावा कोई पॉपुलर फेस नहीं बचा जो भीड़ को आकर्षित कर सके. केजरीवाल की पत्नी सुनीता ने मोर्चा संभाला, लेकिन केजरीवाल के मुकाबले उनका क्रेज कम है. आम आदमी पार्टी का चुनाव प्रचार रफ्तार नहीं पकड़ पाया.


3. आगे के लिए बना रहेगा डर: फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को 1 जून तक ही अंतरिम जमानत दी है. इसके बाद उन्हें फिर सरेंडर करना होगा. ऐसे में यह जमानत AAP को छोटी राहत दे सकती है. लेकिन यह डरा बना रहेगा कि चुनाव के बाद केजरीवाल जेल चले जाएंगे तो फिर छूटेंगे या नहीं. 


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