नई दिल्ली: कोरोना की दूसरी लहर के कहर का सामना कर रही राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को तीसरी लहर के संबंध में एक ट्वीट करके सनसनी फैला दी. 


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केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा,  सिंगापुर में आया कोरोना का नया रूप बच्चों के लिए बेहद खतरनाक बताया जा रहा है, भारत में ये तीसरी लहर के रूप में आ सकता है.  केंद्र सरकार से मेरी अपील है कि  सिंगापुर के साथ हवाई सेवाएं तत्काल प्रभाव से रद्द हों, साथ ही बच्चों के लिए भी वैक्सीन के विकल्पों पर प्राथमिकता के आधार पर काम हो. 


ऐसे में ज़ी हिंदुस्तान ने मुख्यमंत्री केजरीवाल के दावे की सच्चाई जानने के लिए दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन के सेक्रेटरी डॉक्टर अजय गंभीर से बात की तो उन्होंने सीएम के इस दावे को खोखला बताया. गंभीर ने कहा, इस तरह की कोई बात परीक्षण या रिसर्च में सामने नहीं आई है. ना ही डब्लूचओ ने और न ही सिंगापुर सरकार ने इस बारे में कोई डेटा जारी किया है.

सिंगापुर ने प्रभावशाली तरीके से रोका कोरोना संक्रमण 
डॉ गंभीर ने सिंगापुर में आए कोरोना संक्रमण के मामलों का उदाहरण देते हुए कहा, सिंगापुर दुनिया के उन चुनिंदा देशों में शामिल है जिसने बेहद प्रभावशाली तरीके से कोरोना वायरस पर नियंत्रण किया है. पिछले दिनों सिंगापुर में कोरोना के कुल 38 मामले सामने आए हैं जिसमें से 4 बच्चे हैं. सिंगापुर के लोग घबरा रहे हैं कि ये भारतीय स्ट्रेन है ये स्ट्रेन भारत से सिंगापुर पहुंचा है और बच्चों के लिए परेशानी खड़ी कर रहा है.


उन्होंने आगे कहा, हमारे यहां का स्ट्रेन सिंगापुर गया है वहां के लोग इससे घबरा रहे हैं. और सिंगापुर के स्ट्रेन से हम घबरा रहे हैं. हमें सिंगापुर वाले स्ट्रेन से नहीं घबराना चाहिए. वहां कोई नया स्ट्रेन नहीं आया है. वो असल में भारतीय स्ट्रेन ही है जो उनके बच्चों को संक्रमित कर रहा है.
फ्लाइट बंद करना नहीं है समाधान
डॉ गंभीर ने आगे कहा, ये कहना कि हमें वहां से फ्लाइट आना बंद कर देना चाहिए ऐसा करने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला है. जहां तक इसे कंट्रोल करने की बात है तो उसे पहले ही कंट्रोल किया जाना चाहिए था. दूसरी लहर आई तो किसी को कानो कान खबर नहीं हुई और तीसरी के लिए हम अभी से परेशान हो रहे हैं. मुझे नहीं लगता कि सिंगापुर का कोई वैरिएंट भारत में आ रहा है ये सब गलत है. इस तरह का कोई डेटा न ही डब्लूएचओ ने जारी किया और ना ही सिंगापुर की सरकार ने. 



नहीं की जीनोटाइम सैंपलिंग 
उन्होंने आगे कहा, मैं पहले भी ये कह चुका हूं कि आरएनए जीनोटाइप शिफ्टिंग करता है वो लगातार बदलता रहेगा. हमें अपने यहां की वैक्सीन में समय के साथ बदलाव करते रहने होंगे और सर्विलेंस रखनी होगी. लेकिन हमने उसपर ध्यान नहीं दिया. हमने पहले तो जांच कम की वहीं पांच प्रतिशत सैंपल की हमें जीनो टाइप सैंपलिंग करनी थी वो हमने नहीं किया और विडो मिस कर दी. यूके का वैरिएंट पहले हमारे यहां आया इसके बाद हमारे यहां ही वायरस डबल म्युटेंट हो गया जिसे हम पकड़ ही नहीं पाए. 


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