Indian students targeted in Kyrgyzstan: AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को किर्गिस्तान में भारतीय छात्रों को निशाना बनाए जाने का मुद्दा उठाया और विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया. उन्होंने विदेश मंत्री से छात्रों को लेकर अपील की है. बता दें कि किर्गिस्तान में भारतीय और पाकिस्तानी छात्रों को भीड़ की हिंसा से खुद को बचाने के लिए दोनों देशों के वाणिज्य दूतावासों द्वारा छात्रों को घर के अंदर रहने की सलाह दी गई है. अब जहां कुछ दिनों बाद ओवैसी ने ये मुद्दा उठाया है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा कि किर्गिस्तान में कुछ स्थानीय लोग देश में भारतीय छात्रों को हिंसक तरीके से निशाना बना रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि एक छात्र की उन तक अपनी बात पहुंचाई और कहा कि तनावपूर्ण स्थिति के कारण उसने पांच दिनों से खाना नहीं खाया है.


ओवैसी ने किर्गिस्तान में एक भारतीय छात्र का एक वीडियो भी साझा किया, जो वाणिज्य दूतावास को फोन करके बाहर निकलने की प्रक्रिया के बारे में पूछ रहा था. छात्र को यह पूछते हुए सुना जा सकता है कि क्या भारतीयों को निकाला जाएगा, जिस पर अधिकारी ने कहा कि छात्रों को पहले ही जानकारी दे दी गई है.


भारतीय छात्र ने आगे पूछा कि अगर वे उड़ान लेने और घर लौटने का प्रयास करते हैं तो क्या उन्हें कोई सुरक्षा प्रदान की जाएगी.



X पर कॉल ऑडियो साझा करते हुए, ओवेसी ने पोस्ट किया, '#किर्गिस्तान में कुछ स्थानीय लोग हिंसक रूप से भारतीय छात्रों को निशाना बना रहे हैं. एक छात्र मेरे पास पहुंचा कि उन्होंने पिछले पांच दिनों से खाना नहीं खाया है. @drsjaishankar, कृपया वहां हमारे लोगों की सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाएं. यदि स्थिति में सुधार नहीं होता है तो उनकी वापसी की व्यवस्था की जानी चाहिए.'


क्या है मामला?
13 मई को विदेशी छात्रों और किर्गिज छात्रों के बीच हुए विवाद के बाद किर्गिस्तान में स्थिति भारतीय छात्रों के लिए तनावपूर्ण हो गई. स्थानीय लोगों ने इस लड़ाई को विदेशी छात्रों, मुख्य रूप से पाकिस्तान, भारत और मिस्र से आए लोगों के खिलाफ छेड़ दिया. 


विवाद के बाद कई किर्गिज़ नागरिक सड़कों पर उतर आए और भारतीय और पाकिस्तानी छात्रों के खिलाफ भीड़ की हिंसा की खबरें सामने आईं. हिंसा में किसी भी भारतीय छात्र के घायल होने की कोई खबर नहीं है, लेकिन भारत सरकार ने उन्हें हिंसा शांत होने तक घर के अंदर ही रहने की सलाह दी है.