क्या EVM मशीन को हैक किया जा सकता है, जानें इस दावे में दम है या नहीं
Can EVM machine be hacked: भारत में चुनाव के नतीजों के आने के बाद अक्सर EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) हारने वाले राजनीतिक दलों के निशाने पर आ जाती है. विपक्षी पार्टियां सत्ताधारी पार्टी पर EVM हैक का आरोप लगाती हैं. और कहती हैं कि ईवीएम भी एक मशीन है और इसे भी हैक करना संभव है. पांच राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के चुनाव परिणाम आने के बाद EVM पर इस तरह के आरोप एक बार फिर से लग रहे हैं.
नई दिल्लीः Can EVM machine be hacked: भारत में चुनाव के नतीजों के आने के बाद अक्सर EVM (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) हारने वाले राजनीतिक दलों के निशाने पर आ जाती है. विपक्षी पार्टियां सत्ताधारी पार्टी पर EVM हैक का आरोप लगाती हैं. और कहती हैं कि ईवीएम भी एक मशीन है और इसे भी हैक करना संभव है. पांच राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के चुनाव परिणाम आने के बाद EVM पर इस तरह के आरोप एक बार फिर से लग रहे हैं.
क्या है आरोपों की हकीकत
पर याद रहे कि विश्व के कई देश भारत में बने EVM का इस्तेमाल अपने यहां चुनाव में कर हैं या इस्तेमाल में लाने की दिलचस्पी जाहिर कर रहे हैं. ऐसी परिस्थिति में इस सवाल का उत्तर जानना बेहद आवश्यक हो जाता है कि क्या वाकई में EVM को हैक किया जा सकता है या इस पर लगने वाले आरोपों में कोई दम ही नहीं है. आइए जानते हैं.
अन्य कई देशों में होता है EVM का इस्तेमाल
दरअसल, भारत के अलावा विश्व के कई देशों में वोटिंग EVM से कराई जाती है. वहीं, कई देश ऐसे भी हैं, जहां EVM पर बैन लगा दिया गया है. EVM पर बैन लगाने वाले देशों में जर्मनी, नीदरलैंड, फ्रांस, इंग्लैंड और अमेरिका शामिल हैं. वहीं, ब्राजील, फिलीपींस, भूटान, नेपाल, नामिबिया, भारत, नॉर्वे, कनाडा, वेनेजुएला, रोमानिया और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में EVM के जरिए मतदान कराए जाते हैं.
भारत से EVM खरीदने वाले देश
भारत से EVM खरीदने वाले देशों में नेपाल, नामीबिया, केन्या और भूटान शामिल हैं. इनके अलावा श्रीलंका, बांग्लादेश, साउथ अफ्रीका और मलेशिया ने भारतीय EVM को खरीदने में अपनी इच्छा जाहिर की है. हाल ही में मध्य प्रदेश का चुनाव हारने के बाद कांग्रेस के राज्यसभा सांसद और दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह का EVM को लेकर सोमवार को एक बड़ा बयान सामने आया है. अपने बयान में उन्होंने दावा किया है कि चिप वाली किसी भी मशीन को आसानी से हैक किया जा सकता है.
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
साल 2017 में तीन जून को चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को ईवीएम को हैक करने का खुला चैलेंज दिया था. आयोग ने कहा था कि कोई भी राजनीतिक दल इलेक्शन कमीशन के दफ्तर आकर ईवीएम को हैक करने की कोशिश कर सकता है.
वहीं BBC के एक रिपोर्ट के मुताबिक लाखों वोटिंग मशीनों को हैक करने के लिए काफी ज्यादा धन की जरूरत होगी. इसके अलावा ऐसा करने के लिए मशीन निर्माता और चुनाव कराने वाली संस्था की संलिप्तता जरूरी है, जो कि लगभग नामुमकिन है. इस रिपोर्ट में मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से जुड़े विशेषज्ञ धीरज सिन्हाने कहा था कि ईवीएम हैक करने के लिए एक बहुत ही छोटे रिसीवर सर्किट और एंटीना को मशीन के साथ जोड़ने की जरूरत होगी.
यह इतने छोटे होंगे कि 'इंसानी आंख से दिखाई नहीं देगा.' वहीं वायरलेस हैकिंग करने के लिए मशीन में एक रेडियो रिसीवर होना चाहिए, जिसमें एक इलेक्ट्रॉनिक सर्किट और एंटीना होता है. वहीं भारतीय चुनाव आयोग का दावा है कि भारतीय वोटिंग मशीनों में ऐसा कोई सर्किट एलिमेंट नहीं हैं.
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