Attorney General of India: कौन होगा देश का नया अटॉर्नी जनरल, केके वेणुगोपाल या वैद्यनाथन
देश की ज्यूडिशरी के गलियारों में एक बार फिर से देश के वर्तमान एजी के के वेणुगोपाल को ही अगला एजी बनाये जाने की चर्चा शुरू हो गई है.
नई दिल्ली: देश के एटॉनी जनरल के के वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 जून को समाप्त हो रहा है. इसके साथ ही देश की ज्यूडिशरी के गलियारों में एक बार फिर से देश के वर्तमान एजी के के वेणुगोपाल को ही अगला एजी बनाये जाने की चर्चा शुरू हो गई है. ये अलग बात है खुद केके वेणुगोपाल चाहेंगे कि उनके जूनियर और उनके पसंदीदा वकील वैद्यनाथन को नया एजी बनाया जाए.
क्या होता है अटॉर्नी जनरल का पद
अटॉर्नी जनरल केंद्र सरकार के लिए देश के सबसे शीर्ष कानून अधिकारी और मुख्य कानूनी सलाहकार होते हैं जो सुप्रीम कोर्ट में महत्वपूर्ण मामलों में केन्द्र सरकार का प्रतिनिधित्व करते हैं.
सरकार चाहती है कि वेणुगोपाल पद पर बने रहें
कानूनविदों के अनुसार वेणुगोपाल को केंद्र सरकार एक और विस्तार देने की तैयारी कर रही है. सूत्रों के अनुसार वेणुगोपाल उम्र के चलते एकबारगी इस पद से अलग होना चाहते थे, लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि वर्तमान हालातों में सरकार के लिए वेणुगोपाल इस पद के लिए सबसे उपयुक्त व्यक्ति हैं. इसके चलते सरकार एक बार फिर से उन्हें ही इस पद पर बनाए रखना चाहेगी.
वेणुगोपाल की खूबियां
वेणुगोपाल को उनके योगदान के लिए वर्ष 2002 में पद्म भूषण और 2015 में पद्म विभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका हैं. उन्हें देश के न्यायिक सुधारों के मुख्य अधिवक्ताओं में से एक माना जाता है. वे सुप्रीम कोर्ट की रीजनल बैंचो के गठन के सख्त खिलाफ हैं. इसके बजाए वे देश के चार क्षेत्रों में अपील के लिए अदालतें गठन करने की वकालत करते रहे हैं.
91 साल हो चुकी है उम्र
के के वेणुगोपाल को 1 जुलाई, 2017 को देश का अटॉर्नी जनरल बनाया गया था. इसके बाद केंद्र ने 1 जुलाई 2020 और 1 जुलाई 2021 दो बार एक-एक वर्ष के लिए कार्यकाल बढ़ा चुकी है. अगर सरकार फिर से एक वर्ष के लिए कार्यकाल बढ़ाती है तो ये वेणुगोपाल के लिए तीसरा कार्यकाल होगा. हालांकि उनकी उम्र अब 91 साल हो चुकी है.
संभवतया सरकार अगले 1-2 दिन में वेणुगोपाल की पुनर्नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर सकती है. लेकिन किन्ही कारणों से वेणुगोपाल इस पद के लिए इंकार करते हैं तो सीएस वैद्यनाथन सरकार की पसंद हो सकते हैं.
कौन हैं सीएस वैद्यनाथन
के के वेणुगोपाल के बाद अगर किसी का नाम इस पद के लिए सबसे ज्यादा चर्चा में है तो वो है वरीष्ठ वकील सी एस वैद्यनाथन. सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या केस में भगवान रामलला के वकील के तौर पर सीएस वैद्यनाथन का नाम काफी चर्चा में रहा. वैद्यनाथन वर्तमान एजी के के वेणुगोपाल के जूनियर हैं.
1974 में वकालत का सफर शुरू करने वाले वैद्यनाथन 1979 में उस समय दिल्ली आए जब उनके सीनियर के के वेणुगोपाल को एडिशनल सॉलिस्टर जनरल बनाया गया था. वैद्यनाथन को 1992 में सीनियर एडवोकेट मनोनित किया गया. इसके बाद उन्हे एडिशनल सॉलिस्टर जनरल भी नियुक्त किया गया.
वैद्यनाथन के पिता शंकर नारायण खुद भी एक प्रख्यात वकील रहे हैं. बेंगलूरु लॉ कॉलेज के टॉपर भी रहे. अयोध्या केस के अतिरिक्त मिठू बनाम पंजाब सरकार 1983, सबास्टीयन एम होंगरे बनाम केन्द्र सरकार 1984, एस पी गुप्ता बनाम केन्द्र सरकार, के सी वसंथा बनाम कर्नाटक सरकार 1985 सहित दर्जनों ऐसे केस हैं जिनमें सी एस वैद्यनाथन की वजह से ये केस नज़ीर बन गए.
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