बदलापुर मुठभेड़: हथकड़ी लगे आरोपी ने कैसे हथियार छीनकर चलाई गोली? एनकाउंटर करने वाला अधिकारी कौन?
Badlapur sexual assault accused killed: संजय शिंदे पहले ठाणे पुलिस क्राइम ब्रांच की एंटी-एक्सटॉर्शन सेल में काम कर चुके हैं, जिसका नेतृत्व उस समय प्रदीप शर्मा करते थे. वह उस टीम का हिस्सा थे जिसने गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को गिरफ्तार किया था.
Badlapur Case: बदलापुर के स्कूल में यौन उत्पीड़न करने के आरोपी की पुलिस हिरासत में मौत ने सत्तारूढ़ महायुति सरकार और विपक्ष के बीच राजनीतिक वाद-विवाद को जन्म दे दिया है. आरोपी के एनकाउंटर को सबूत नष्ट करने की चाल बताया जा रहा है, क्योंकि संस्थान का स्वामित्व भाजपा नेता के पास था. तलोजा जेल से बदलापुर ले जाते समय जवाबी पुलिस फायरिंग में अक्षय शिंदे की मौत ने विधानसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र में राजनीतिक तापमान को बढ़ा दिया है.
पुलिस ने बताया कि आरोपी को एक वाहन में ले जाया जा रहा था, तभी उसने सहायक पुलिस निरीक्षक नीलेश मोरे की पिस्तौल छीन ली और एस्कॉर्टिंग पुलिस टीम पर गोली चला दी, जिससे तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए. शिंदे बदलापुर स्कूल में सफाईकर्मी के तौर पर काम करता था, जहां उसने दो लड़कियों का यौन शोषण किया था. पुलिस की जवाबी फायरिंग में शिंदे मारा गया.
घटनाक्रम पर सवाल उठाते हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि हथकड़ी लगे किसी व्यक्ति के लिए गोली चलाना संभव नहीं है.
प्रदीप शर्मा का कनेक्शन
वहीं, बदलापुर आरोपी अक्षय शिंदे की गोली मारकर मौत के घाट उतारने वाले पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे ने अतीत में निलंबित पूर्व 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' प्रदीप शर्मा के साथ काम किया है.
24 वर्षीय अक्षय शिंदे पर ठाणे जिले के बदलापुर कस्बे के एक स्कूल में दो नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण करने का आरोप है. बदलापुर के स्कूल में संविदा सफाई कर्मचारी अक्षय शिंदे को 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था, उसके द्वारा स्कूल के शौचालय में दो लड़कियों का यौन शोषण करने के पांच दिन बाद.
एक अधिकारी ने पहले बताया था कि सोमवार शाम को ठाणे में मुंब्रा बाईपास के पास उसकी हत्या कर दी गई थी, जब उसकी पूर्व पत्नी की शिकायत पर उसके खिलाफ दर्ज मामले की जांच के तहत उसे पुलिस वाहन में ले जाया जा रहा था और उसने एक पुलिसकर्मी की बंदूक छीन ली थी.
अधिकारी ने बताया कि एक सहायक पुलिस निरीक्षक को गोली मारकर घायल करने के बाद पुलिस एस्कॉर्ट टीम के एक अन्य अधिकारी ने उस पर गोली चलाई और कलवा नागरिक अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से बदलापुर जांच के लिए ले जाया जा रहा था. गोलीबारी में संजय शिंदे और सहायक पुलिस निरीक्षक नीलेश मोरे घायल हो गए.
बता दें कि संजय शिंदे पहले ठाणे पुलिस क्राइम ब्रांच की एंटी-एक्सटॉर्शन सेल में काम कर चुके हैं, जिसका नेतृत्व उस समय प्रदीप शर्मा करते थे. वह उस टीम का हिस्सा थे जिसने गैंगस्टर दाऊद इब्राहिम के भाई इकबाल कासकर को गिरफ्तार किया था.
प्रदीप शर्मा का रिकॉर्ड
प्रदीप शर्मा ने मुंबई पुलिस में 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' के रूप में ख्याति अर्जित की, जिन्हें अपने पूरे करियर में 100 से अधिक अपराधियों को ढेर करने का श्रेय दिया जाता है. 1983 में पुलिस बल में शामिल होने के बाद, प्रदीप शर्मा ने 1990 के दशक में मुंबई अंडरवर्ल्ड के सदस्यों, विशेष रूप से दाऊद इब्राहिम और छोटा राजन गिरोह से जुड़े लोगों के खिलाफ हाई-प्रोफाइल मुठभेड़ों में अपनी भूमिका के लिए प्रमुखता हासिल की.
हालांकि, बाद में शर्मा को 2006 में लखन भैया के फर्जी मुठभेड़ में उनकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया गया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जो छोटा राजन का पूर्व सहयोगी था.
CID करेगी जांच
समाचार एजेंसी पीटीआई ने बताया कि महाराष्ट्र का अपराध जांच विभाग (सीआईडी) अक्षय शिंदे की मौत की जांच करेगा.
फोरेंसिक विज्ञान विशेषज्ञों की एक टीम ने मंगलवार को उस पुलिस वाहन की जांच की, जिसमें पुलिस ने अक्षय शिंदे को गोली मारी थी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि चूंकि यह घटना पुलिस हिरासत में मौत से संबंधित है, इसलिए इसकी जांच महाराष्ट्र सीआईडी द्वारा की जाएगी. उन्होंने बताया कि सीआईडी अधिकारियों की एक टीम मुंब्रा बाईपास पर उस स्थान का दौरा करेगी, जहां यह घटना हुई थी. उन्होंने बताया कि वे उस समय वाहन में मौजूद पुलिसकर्मियों के बयान भी दर्ज करेंगे.
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने क्या कहा?
देशमुख ने कहा, 'जब अक्षय शिंदे के दोनों हाथ बंधे हुए थे, तो वह गोली कैसे चला सकता था? जिस स्कूल की बात हो रही है, वह भाजपा नेता का है. इस घटना को दबाने की शुरू से कोशिश की जा रही है और मुठभेड़ करके मामले को खत्म कर दिया गया है. इस घटना की जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से कराई जानी चाहिए.'
सुप्रिया सुले ने क्या कहा?
एनसीपी (शरदचंद्र पवार) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि यह घटनाक्रम महाराष्ट्र में 'कानून प्रवर्तन और न्याय प्रणाली का पूर्ण रूप से विफल होना' है, जबकि कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने इसे 'महाराष्ट्र पुलिस के लिए काला दिन' कहा.
चव्हाण ने कहा, 'उनकी निर्मम हत्या की गई. कोई भी यह विश्वास नहीं करेगा कि यह मुठभेड़ थी. मैंने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश से जांच की मांग की है, जो उसी समय मुंबई में थे. मुझे विश्वास नहीं है कि मौजूदा सरकार के तहत महाराष्ट्र पुलिस न्याय कर पाएगी. इस अपराध के असली अपराधियों का कभी पता नहीं चल पाएगा.'
इस बीच, आरोपी के माता-पिता ने भी पुलिस के बयान पर सवाल उठाते हुए कहा कि शिंदे की हत्या एक 'बड़ी साजिश' के तहत की गई. आरोपी की मां अलका शिंदे ने कहा, 'मेरा बेटा पटाखे फोड़ने और सड़क पार करने से डरता था. वह पुलिसवालों पर गोली कैसे चला सकता है.'
'विपक्ष आरोपी को फांसी देने की मांग कर रहा था'
सत्तारूढ़ महायुति ने विपक्ष पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन्हीं नेताओं ने पहले अक्षय शिंदे को फांसी देने की मांग की थी. शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने कहा, 'पुलिस पर हमला हुआ, फिर भी विपक्ष राजनीति कर रहा है. क्या उन्होंने पुलिसकर्मियों से उनकी खैरियत पूछी? पहले विपक्षी दलों ने अक्षय शिंदे को फांसी देने की मांग की थी और आज वे उसी आरोपी का समर्थन कर रहे हैं और उसके पक्ष में बोल रहे हैं.'
विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक सहानुभूति हासिल करने के लिए आरोपी की हत्या के आरोपों को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि विपक्ष उनकी सरकार की लड़की बहन योजना की सफलता से बौखला गया है. शिंदे ने कहा, विपक्षी नेताओं का ऐसा कृत्य निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण है.
यौन उत्पीड़न मामले ने अगस्त में बदलापुर में सड़कों और रेलवे स्टेशन पर बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया था, यह घटना कोलकाता में एक प्रशिक्षु डॉक्टर के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या की घटना के तुरंत बाद घटी थी.
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