नई दिल्लीः बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने 1971 के मुक्ति संग्राम में शहीद या गंभीर रूप से घायल हुए भारतीय सैनिकों के वंशजों को मुजीब स्कॉलरशिप (छात्रवृत्ति) प्रदान करने की मंगलवार को घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह छात्रवृत्ति बुधवार को प्रदान की जाएगी. 


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शेख मुजीबुर्रहमान के नाम पर है छात्रवृत्ति
इस छात्रवृत्ति का नाम हसीना के पिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान के नाम पर रखा गया है. खबरों के मुताबिक, भारतीय थल सेना के कर्मियों के परिवारों के कुल 200 सदस्य यह छात्रवृत्ति प्राप्त करेंगे. 


थल सेना के 1984 जवानों की गई थी जान
हसीना ने कहा, ‘बांग्लादेश मुक्ति संग्राम के दौरान शहीद या गंभीर रूप से घायल हुए भारत के सैनिकों या रक्षा बलों के अधिकारियों के वंशजों को कल मैं मुजीब छात्रवृत्ति प्रदान करूंगी.’ बांग्लादेश की सरकार के मुताबिक, भारतीय थल सेना के करीब 1,984 कर्मियों की युद्ध में जान गई थी. हसीना चार दिनों की भारत की यात्रा पर आई हुई हैं.


बांग्लादेश के कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेगी भारतीय रेल
वहीं, बांग्लादेश रेलवे के कर्मचारियों को भारतीय रेल प्रशिक्षण के साथ यात्री टिकट और माल-ढुलाई परिचालन के ‘कंप्यूटरीकरण’ के लिए सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) समाधान प्रदान करेगी. इस संबंध में दोनों देशों ने मंगलवार को दो समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किये. बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना की भारत यात्रा के दौरान इन समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किये गए. 


भारतीय रेल के संस्थानों में दिया जाएगा प्रशिक्षण
भारत में बांग्लादेश रेलवे के कर्मचारियों के प्रशिक्षण पर भारत के रेल मंत्रालय और बांग्लादेश के रेल मंत्रालय के बीच एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया गया. इस समझौते के तहत भारतीय रेल के संस्थानों में प्रशिक्षण की सुविधा दी जायेगी. अधिकारियों ने बताया कि समझौते में सेमिनार, कार्यशाला, कक्षा और जमीनी स्तर पर प्रशिक्षण शामिल है. 


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