नई दिल्ली: Maharashtra Bandh 24 August 2024: महाराष्ट्र के बदलापुर में स्कूल की बच्चियों के साथ हुए यौन उत्पीड़न के मामले पर विपक्ष हमलावर है. शिवसेना UBT के प्रमुख और महाराष्ट्र के पूर्व CM उद्धव ठाकरे ने 24 अगस्त को महाराष्ट्र बंद का ऐलान किया हैं. उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में महिलाओं और बच्चियों पर हो रहे अपराधों के खिलाफ एकजुट होने का आह्वान किया  है. उद्धव ठाकरे के साथ NCP-शरद गुट और कांग्रेस भी है, इनका भी उन्हें भरपूर समर्थन मिल रहा है.


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क्या बोले उद्धव ठाकरे?
उद्धव ठाकरे ने शिवसेना भवन में प्रेस वार्ता की. उन्होंने कहा, 'लोग बदलापुर की घटना पर इसलिए गुस्सा हैं, क्योंकि राज्य में लड़कियों से यौन शोषण की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं. लड़कियों के माता-पिता की शिकायत पर स्कूल प्रबंधन और पुलिस ने समय पर कार्रवाई की होती तो स्थिति खराब नहीं होती.'


आरक्षण के मुद्दे पर भारत बंद हुआ था
इससे पहले 21 अगस्त को दलित और आदिवासी संगठनों ने 'भारत बंद' किया था. हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने एक फैसले में कोटे के अंदर कोटा देने की बात कही थी. क्रीमीलेयर की इस अवधारणा से ये संगठन इत्तेफाक नहीं रखते हैं, इसलिए इन्होंने कोर्ट से ये फैसला वापस लेने की मांग की थी.
ऐसे में सवाल है कि किसे भारत बंद करने का अधिकार है, कब-कब ऐसे मामलों में सजा हो सकती है और इस पर क्या कहता है कानून?


क्या कोई भी कर सकता है बंद का ऐलान?
पहले तो ये जान लें कि भारत बंद का मतलब देश की कुछ सेवाओं को बंद कर प्रदर्शन करने से है. इन सेवाओं में बस, दुकानें, टैक्सी इत्यादि आती हैं. अब ये जान लें कि संविधान के आर्टिकल 19 के तहत हर किसी को अपनी बात रखने का और विरोध करने का अधिकार है. शांतिपूर्वक तरीके से लोग बिना किसी हथियार के कहीं पर इकट्ठा होकर विरोध जता सकते हैं. इसलिए संगठन 'भारत बंद' बुलाने के लिए स्वतंत्र हैं. हालांकि, बंद के दौरान हिंसक प्रदर्शन होने या किसी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने पर कार्रवाई होती है. 


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