गांधीनगर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात में 19 अक्टूबर को डिफेंस एक्सपो का उद्घाटन करेंगे. इस बार डिफेंस एक्सपो का पैमाना पिछली बार की तुलना में बहुत बड़ा होगा और सरकार को 1.25 लाख करोड़ रुपये से ऊपर के निवेश के लिए 400 से अधिक सहमतिपत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. यह बात अधिकारियों ने शुक्रवार को कही.


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डिफेंस एक्सपो (डेफएक्सपो 2022) 18 से 22 अक्टूबर तक गांधीनगर में आयोजित की जाएगी. रक्षा सचिव डॉ अजय कुमार ने कहा, ‘डिफेंस एक्सपो का यह 12वां संस्करण देश में सबसे बड़ा होगा, इसका विषय ‘पाथ टू प्राइड’ (गौरव का पथ) होगा. यह रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की हमारी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगा. इसका उद्घाटन 19 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करेंगे.’ 


सबसे बड़ा डिफेंस एक्सपो
कुमार ने कहा, ‘इस डिफेंस एक्सपो का पैमाना देश में इस तरह के किसी भी पिछले आयोजन से बड़ा होगा. एक्सपो के दौरान अब तक 400 एमओयू को हस्ताक्षर करने के लिए अंतिम रूप दिया जा चुका है, जिससे 1.25 लाख करोड़ रुपये का निवेश आएगा. यह निवेश प्रतिबद्धता और एमओयू संख्या पिछले एक्सपो में हुए समझौतों से दोगुने हैं.’


उन्होंने कहा कि गुजरात की कंपनियां 33 एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगी, जिससे राज्य में 5,500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की उम्मीद है. उन्होंने एक्सपो में 1,320 से अधिक रक्षा कंपनियां भाग लेंगी, जो एक लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है. 


25 देशों के रक्षा मंत्री और 75 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे
उन्होंने कहा कि करीब 1,028 कंपनियों ने पिछले रक्षा एक्सपो में हिस्सा लिया था, जबकि वर्तमान संस्करण में 25 देशों के रक्षा मंत्री और 75 देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे. कुमार ने कहा, ‘तीन चीजें एक्सपो की मुख्य विशेषताएं होंगी. एचएएल द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन और विकसित ट्रेनर विमान एक्सपो में पहली बार प्रदर्शित किया जाएगा, गुजरात के दीसा में नव विकसित हवाई अड्डे का डिजिटल तरीके से उद्घाटन किया जाएगा और रक्षा उत्पादन के लिए 75 चुनौतियां स्टार्ट-अप और उद्योगों के लिए खोली जाएंगी.’ 


अतिरिक्त सचिव (रक्षा उत्पादन) संजय जाजू ने कहा कि भारत-अफ्रीका रक्षा वार्ता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में आयोजित की जाएगी जिसमें 50 से अधिक अफ्रीकी देशों की भागीदारी होगी. उन्होंने कहा कि अलग से हिंद महासागर क्षेत्र प्लस (आईओआर+) सम्मेलन भी आयोजित किया जाएगा, जिसमें लगभग 40 देशों के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे. सम्मेलन में चीन की भागीदारी के बारे में पूछे जाने पर जाजू ने कहा कि बीजिंग आईओआर प्लस का पक्षकार नहीं है. देश के सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए धन के सवाल पर रक्षा सचिव कुमार ने कहा, ‘सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध है.’ 


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