नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने बृहस्पतिवार को कहा कि जम्मू एवं कश्मीर के भारत में विलय को लेकर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की ओर से की गईं ‘गलतियों’ को वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अनुच्छेद 370 को समाप्त कर सुधारा है. पार्टी ने कहा कि इन गलतियों के लिए कांग्रेस को देश से माफी मांगनी चाहिए. 


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'नेहरू ने की थीं पांच गलतियां'
कश्मीर के भारत में विलय की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया कि नेहरू ने उस क्षेत्र के राजा हरि सिंह के कश्मीर के भारत में विलय के प्रस्ताव पर कार्रवाई में देरी, सहित पांच गलतियां की थीं. 


'नेहरू ने दिखाई हिचकिचाहट'
उन्होंने कहा कि इन गलतियों का खामियाजा जम्मू एवं कश्मीर के साथ देश को भी उठाना पड़ा और इनके चलते क्षेत्र का एक हिस्सा पाकिस्तान के कब्जे में चला गया. नेहरू के कुछ बयानों का हवाला देते हुए भाटिया ने दावा किया कि राजा हरि सिंह ने जुलाई 1947 में पहली बार विलय का विचार सामने रखा था, लेकिन तत्कालीन प्रधानमंत्री ने इसमें हिचकिचाहट दिखाई और देश की जगह कथित तौर पर अपने ‘मित्र’ को प्राथमिकता दी. मित्र कहने का भाटिया का इशारा शेख अब्दुल्ला की तरफ था.


आंतरिक मसले को पहुंचाया UN
उन्होंने कहा कि इसके बाद नेहरू ने एक आंतरिक मसले को संयुक्त राष्ट्र पहुंचा दिया और इस वजह से इस मुद्दे में पाकिस्तान शामिल हो गया. भाजपा प्रवक्ता ने कश्मीर में जनमत संग्रह कराने का विचार सामने रखने के लिए भी नेहरू को आड़े हाथों लिया और दावा किया कि स्वतंत्रता अधिनियम में इसके लिए कोई प्रावधान ही नहीं था. इसी अधिनियम के तहत सैकड़ों रियासतों का भारत में विलय हुआ था.


'कश्मीर को दिया विशेष दर्जा' 
भाटिया ने कहा कि इतना ही नहीं, जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले प्रावधान किए गए और देश को इसका खामियाजा उठाना पड़ा. केंद्र सरकार ने जम्मू एवं कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को 2019 में समाप्त कर दिया और उसका विभाजन दो केंद्रशासित क्षेत्रों- जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख में कर दिया. 


'पटेल को था नेहरू के फैसलों से एतराज'
भाजपा प्रवक्ता ने दावा किया कि तत्कालीन गृह मंत्री वल्लभभाई पटेल, नेहरू के इन फैसलों के खिलाफ थे. उन्होंने कहा कि अन्य रियासतों की तरह कश्मीर का भी भारत में विलय हो गया होता तो संभवत: देश में ‘जिहादी आतंकवाद’ नहीं होता. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि मोदी ने इन गलतियों को सुधारा है और उनके मजबूत नेतृत्व में भारत दुनिया को रास्ता दिखा रहा है. 


भाजपा ने कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की ओर से 2019 में लोकसभा में अनुच्छेद 370 को समाप्त किए जाने के मुद्दे पर चर्चा के दौरान दिए गए एक बयान का भी उल्लेख किया और कांग्रेस पर हमला किया. उस समय चौधरी ने सवाल उठाया था कि कश्मीर का मामला संयुक्त राष्ट्र में है, ऐसे में यह आतंरिक मसला कैसे हो सकता है. 


'कांग्रेस को देश से मांगनी चाहिए माफी'
भाटिया ने कहा कि कांग्रेस को इन गलतियों के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कश्मीर से कश्मीरी पंडितों के पलायन का भी मुद्दा उठाया और इसके लिए कांग्रेस पर निशाना साधा. 


कांग्रेस ने केंद्र पर साधा निशाना
कांग्रेस ने जवाब देते हुए जम्मू-कश्मीर के शोपियां से कई कश्मीरी पंडित परिवारों के कथित पलायन को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि केंद्र को ‘श्वेत पत्र’ लाकर यह बताना चाहिए कि उसने कश्मीरी पंडितों की पीड़ा दूर करने के लिए क्या कदम उठाए हैं. 


कश्मीरी पंडितों की 'टार्गेट किलिंग' पर उठाए सवाल
पार्टी के मीडिया एवं प्रचार प्रमुख पवन खेड़ा ने यह दावा भी किया कि इस साल जनवरी से लेकर अक्टूबर तक कश्मीरी पंडितों की ‘टार्गेट किलिंग’ की 30 घटनाएं हो चुकी हैं. कश्मीर के संदर्भ में केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू के एक लेख से जुड़े सवाल पर खेड़ा ने कहा कि ‘व्हाट्सअप नर्सरी’ वाले भाजपा के नेताओं को फिर से इतिहास का अध्ययन करना चाहिए.


उन्होंने कहा, ‘अगर भाजपा नेताओं को लगता है कि उनकी बातें सही हैं तो इन दो सवालों का जवाब दें कि मनमोहन सिंह के प्रधानमंत्री रहते जम्मू-कश्मीर में 75 प्रतिशत मतदान कैसे होता था और कश्मीरी पंडितों को निशाना बनाकर की जाने वाली हत्याएं कैसे बंद होंगी?’ 


कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया, ‘भाजपा नेताओं को समकालीन इतिहास के बारे में कुछ नहीं पता, तथा ऐसे में वे सिर्फ पंडित जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह को जिम्मेदार ठहराते रहते हैं.’ खेड़ा ने कहा कि भाजपा को 1989-1990 की स्थिति और मौजूदा स्थिति के लिए माफी मांगनी चाहिए.


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