नई दिल्लीः अपनी 'मुस्लिम विरोधी' छवि को तोड़ने की कोशिश के तहत उत्तर प्रदेश के नगरीय निकाय चुनावों में 395 मुसलमानों को टिकट देने वाली सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के करीब 45 उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है. भाजपा इसे लेकर उत्साहित है, और उसका मानना है कि पार्टी के प्रति मुसलमानों के बदलते रुझान का असर आगामी लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा. 


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सपा ने उठाए सवाल
हालांकि मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस ने भाजपा की दावों को गलत बताते हुए पूछा है कि क्या भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव में भी मुसलमानों को टिकट देगी. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कुंवर बासित अली ने रविवार को 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि पार्टी ने शनिवार को संपन्न नगरीय निकाय चुनावों के लिए नगर पालिका और नगर पंचायत अध्यक्षों तथा नगर निगम पार्षद, नगर पालिका सदस्यों और नगर पंचायत सदस्यों के विभिन्न पदों के लिए कुल 395 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था अब तक मिली जानकारी के मुताबिक उनमें से करीब 45 प्रत्याशी चुनाव जीते भी हैं. 


गोरखपुर और अमेठी में जीते मुस्लिम उम्मीदवार
उन्होंने बताया कि गोरखपुर नगर निगम से भाजपा की पार्षद प्रत्याशी हकीकुन्निसां ने चुनाव में परचम लहराया है. वहीं, अमेठी से वार्ड पार्षद के लिए भाजपा के टिकट पर जेबा खातून भी जीती हैं. इसके अलावा हरदोई, सहारनपुर, संभल, बरेली और मुरादाबाद समेत कई जिलों में भाजपा उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे मुस्लिम प्रत्याशियों को जीत हासिल हुई है. 


अली ने दावा किया कि मुस्लिम समाज ने भाजपा पर बड़ा भरोसा जताकर यह दिखा दिया है कि भाजपा 'सबका साथ, सबका विकास' के मूल मंत्र पर चलने वाली पार्टी है और मुस्लिम समाज किसी का बन्धुआ मजदूर नहीं है. यही कारण है कि मुसलमानों ने सपा, बसपा और कांग्रेस को नकारते हुए इस बार भाजपा पर बड़ा भरोसा जताया है. यह आने वाले लोकसभा चुनाव के लिहाज से मील का पत्थर साबित होगा. 


लोकसभा में पड़ेगा असर
उन्होंने कहा कि अगर मुसलमान बहुल सीटों पर भी भाजपा शानदार जीत दर्ज कर रही है तो यह दिखाता है कि अल्पसंख्यकों के मन में भाजपा को लेकर तमाम आशंकाएं समाप्त हो गई हैं. अब वे अपने विकास के लिए भाजपा को वोट दे रहे हैं और भाजपा के प्रति उसके मन में अफवाह फैलाने वालों की राजनीतिक दुकान बंद हो गई है. 


भाजपा के मुस्लिम उम्मीदवारों की जीत पर खुशी जाहिर करते हुए उत्तर प्रदेश की एकमात्र मुस्लिम मंत्री अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश आजाद अंसारी में कहा कि भाजपा ने सही मायने में अल्पसंख्यकों के शैक्षिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास के लिए काम किया है और पार्टी के मुस्लिम उम्मीदवारों की जीत से यह जाहिर हो गया है कि मुसलमानों के बीच भाजपा को लेकर गलतफहमी के बादल छंट गए हैं. उन्होंने कहा, "चुनाव के नतीजे हमारे लिए बहुत अच्छे रहे हैं और जिन मुस्लिम इलाकों में हमारे उम्मीदवार नहीं जीते पर वहां से दूसरे स्थान पर रहे हैं, जबकि समाजवादी पार्टी तीसरे या चौथे स्थान पर पहुंच गई है. इससे जाहिर होता है कि मुसलमानों का वोट धीरे-धीरे भाजपा की तरफ जा रहा है." 


गौरतलब है कि भाजपा मुसलमानों को टिकट नहीं देने वाली पार्टी के रूप में जानी जाती रही है लेकिन शनिवार को संपन्न नगरीय निकाय चुनाव में इस पार्टी ने पहली बार 395 मुसलमानों को चुनाव के टिकट दिए थे.


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